भूपेन्द्र कुमार
परिवहन विभाग ने इलेक्ट्रिक वाहनों को मुख्य सड़कों से बाहर करने में तो बहुत चुस्ती फुर्ती दिखाई लेकिन जो कायदा कानून पालन करवाना था उसको अनुपालन करते समय सो गया।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार ई रिक्शा में हरे रंग की नंबर प्लेट होनी चाहिए ताकि उनकी पहचान दूर से हो सके और चेकिंग के दौरान भी पता चल सके कि वाहन ई श्रेणी का है या नहीं
यह नियम पर्यावरण को देखते हुए बनाया गया था। पूरी तरह से हवा और ध्वनि से प्रदूषण मुक्त ई-रिक्शा को उत्तराखंड सरकार ने मुख्य सड़कों से बाहर कर दिया। इसके पीछे प्रदूषण फैलाने वाले विक्रम चालकों का भारी दबाव था। क्योंकि सैकड़ों विक्रम प्रभावशाली राजनेताओं के संरक्षण में चलाए जा रहे हैं।
परिवहन विभाग ने उत्तराखंड में इन रिक्शा को मुख्य सड़कों से ट्रैफिक के नाम पर बाहर कर दिया लेकिन इन पर लगी पीले रंग की सिक्योरिटी नंबर प्लेट के विषय में मौन साध लिया।
अब दोबारा से इन पर हरे नंबर प्लेट लगाई जा सकती है।जिससे कि सरकारी धन की काफी हानि भी होगी।
इस संवाददाता ने प्रधानमंत्री श्री मोदी, केंद्रीय परिवहन मंत्री श्री गडकरी तथा कैबिनेट सचिव सहित उत्तराखंड के सीएम सहित तमाम उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर निशुल्क अर्थात सरकारी खर्च से ई रिक्शा पर दोबारा से हरे रंग की सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की अपील की है, ताकि नियम का पालन हो सके और ई रिक्शा दूर से पहचाने जा सकें।
देखना यह है कि परिवहन मंत्रालय के आदेश को ताक पर रखकर चल रहे विभाग की नींद कब टूटती है !