देहरादून/ऋषिकेश/हरिद्वार/काशीपुर, 18 जून 2025:
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नशा तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को उत्तराखंड के ऋषिकेश, हरिद्वार और काशीपुर स्थित पांच फार्मास्यूटिकल कंपनियों पर एक साथ छापे मारे। जांच में इन कंपनियों पर प्रतिबंधित दवाओं के अत्यधिक और संदिग्ध उत्पादन का आरोप है, जिसे कथित रूप से नशा तस्करों को सप्लाई किया जा रहा था।
जिन कंपनियों पर कार्रवाई हुई:
- सीबी हेल्थकेयर
- सीमिलेक्स फार्माकेम ड्रग्स इंडस्ट्रीज
- बायोजेनिक ड्रग्स प्राइवेट लिमिटेड
- सोल हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड
- एस्टर फार्मा
ईडी की टीमें इन कंपनियों में भारी मात्रा में दवाइयों के स्टॉक, उनके रिकॉर्ड और कच्चे माल की खरीद की जांच कर रही हैं।
अन्य राज्यों में भी छापेमारी
ईडी सूत्रों के मुताबिक, उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के 15 अन्य ठिकानों पर भी समान कार्रवाई की गई है।
STF की रिपोर्ट के बाद खुला मामला
बताया गया कि पिछले वर्ष उत्तराखंड एसटीएफ ने एक ड्रग तस्करी के नेटवर्क का खुलासा करते हुए मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें कुछ फार्मा कंपनियों और तस्करों के बीच संदिग्ध गठजोड़ सामने आया था। उसी जांच के आधार पर अब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध दवा कारोबार को लेकर कदम उठाया है।
एलेक्स पालीवाल से मिला सुराग
सूत्रों के अनुसार, नशे के एक अंतरराज्यीय नेटवर्क से जुड़े ड्रग पैडलर एलेक्स पालीवाल की गिरफ्तारी के बाद इस सिंडिकेट का बड़ा खुलासा हुआ। पूछताछ में सामने आया कि जिन कंपनियों पर छापा मारा गया, उन्होंने प्रतिबंधित दवाओं का असामान्य स्तर पर उत्पादन किया है।
उदाहरण के तौर पर, एक कंपनी द्वारा महज कुछ महीनों में 20 करोड़ से अधिक टैबलेट का उत्पादन किया गया, जो सामान्य मांग और खपत से काफी अधिक है।
जल्द हो सकती हैं संपत्तियां जब्त
ईडी अब इस नेटवर्क में मनी लॉन्ड्रिंग की संभावनाओं को भी खंगाल रही है। जांच के दौरान यदि वित्तीय अनियमितताएं सामने आती हैं, तो संबंधित व्यक्तियों की संपत्तियां जब्त (अटैच) की जा सकती हैं।