अनुज नेगी
देहरादून। प्रदेश के सबसे बड़े भ्रष्ट विभाग महिला शसक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग का एक बड़ा कारनामा सामने आया है।
लगता है कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को ठगने का ठेका बाल विकास विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने ही लिया है।
आज पर्वतजन महिला शसक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में आधार ऑपरेटरों के शोषण का बड़ा खुलासा करने जा रहा है।आखिर किस तरह से बाल विकास विभाग प्रदेश के बेरोजगार युवाओं का मानसिक शोषण कर रहा है।
बतादें कि अक्टूबर 2021-22 में महिला शसक्तीकरण एवं बाल विकास ने प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक में आधार ऑपरेटर के लिए यूआईडीआई के तहत “ए-स्वारयर”आउटसोर्स कंपनी को कार्मिक उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौपी थी।
जिसके लिए “ए-स्वारयर” आउटसोर्स कंपनी ने यूआईडीआई सर्टिफिकेट वाले उम्मीदवारों से हजारों रुपये लेकर आठ हजार रुपये का जॉइनिंग लेटर थमा कर प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक के आगंनवाड़ी केंद्रों के आधार बनाने की जिम्मेदारी दी गई। जिसके लिए कई कार्मिकों ने 12 से 15 हजार रुपये लगा कर अपना निजी प्रिंटर तक लिया था।
मगर जिम्मेदार विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने जरा भी इन कार्मिकों के बारे में नही सोचा ओर आठ से दस माह कार्य करने के बाद भी इन कार्मिकों को आज तक वेतन नही दिया गया।वहीं अब विभाग ने इन कार्मिकों को ब्लॉकों से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। वहीं अब बेरोजगार युवा विभाग के ईमानदार मंत्री से अपने वेतन के लिए गुहार लगा रहें है।
बतादें कि विभाग में आधार ऑपरेटर की नौकरी पाने के लिए प्रत्येक कार्मिक ने तीस से पचास हज़ार रुपये *”ए-स्वारयर”* आउटसोर्स कंपनी को दिए, जिसमे कंपनी ने इन कार्मिकों को आठ हजार रुपये प्रति माह वेतन देने की बात की थी। मगर आज आठ से दस माह बीत जाने के बाद आज तक इन कार्मिकों को कोई भी पैसा नही दिया गया।
अब बड़ा सवाल है कि आखिर क्या प्रदेश के महिला शसक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने बेरोजगार युवाओं को छलने का ठेका ले रखा है।आखिर विभाग इन आउटसोर्सिंग कार्मिकों शोषण क्यों करती है। ओर जिम्मेदार विभाग हमेशा अपनी जिम्मेदारी से बचता रहता है।
वहीं अब पर्वतजन विभाग के सैकड़ों आउटसोर्स कर्मी विभाग और ए-स्वारयर कंपनी के खिलाफ लेबर कोर्ट जाने की तैयारी में है।