अनुज नेगी
पौड़ी।उत्तराखंड राज्य सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना शुरू की थी। यह योजना एक ब्याज मुक्त कृषि ऋण योजना है, जिसमें 0 प्रतिशत ब्याज दर पर एक से पांच लाख रुपये तक की ऋण सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। अब छोटे और सीमांत किसान तीन लाख रुपये तक बिना ब्याज के ऋण ले सकते हैं, जबकि किसान समूह पांच लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण ले सकते हैं।
मगर सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में एक बड़ा खेल सामने आ रहा है,इस योजना में न तो कोई किसानी हो रही न बागवानी ओर न कोई पशुपालन इस योजना में ऋण के नाम पर एक बड़ा खेल खेला जा रहा हैं।
आपको बातादें कि जनपद पौड़ी में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत 0 प्रतिशत ब्याज की दर से भाजपा और समितियो के लोगो को फर्जी दस्तावेजो, फर्जी प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर पशुपालन,बागवानी के नाम पर अबतक करोड़ों रुपये का ऋण बांटा जा चुका है,मगर प्रशासन को जरा भी इसकी भनक तक नही लग पाई है।
वहीं पहाड़ों में गरीबी में अपना जीवन गुजर बसर करने वाला व्यक्ति किसी तरह कृषि करके अपनी आमदनी बढ़ाना चाहता है तो सरकार की योजना इन गरीब व्यक्तियों तक नही पहुँच पाती है,सरकार की योजना सिर्फ नेताओ और सहकारिता समितियों के सचिवों के लोगों तक सीमित है।
बातादें कि अगर कोई गरीब व्यक्ति कृषि क्षेत्र में अपनी आमदनी बढ़ाने चाहता है तो सरकार महत्वाकांक्षी योजना दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना का लाभ इन किसानों को नही मिल रहा,समितियों के कहीं चक्कर काटने के बाद अब ये किसान मजबूर होकर पलायन करने को मजबूर हो गए है।
बातादें कि किसानों को अगर सरकार की इस योजना लाभ उठाना है तो सबसे पहले आपको भाजपा के नेता और सहकारिता सामिति के सचिवों तक पहुंच बनानी पड़ेगी तभी जाकर आपको सरकार की इस योजना का लाभ मिलेगा।
सहकारिता समितियों में ऋण के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा
इस योजना में सहकारिता समिति में फर्जी तरह से ऋण बाट रहा है।
समितियों के सचिव किसान को ऋण न बाट कर बाज़ारो के दुकानदारो को धडल्ले से ऋण बाट रहे है।फर्जी प्रोजेक्ट रिपोर्ट और पशुपालन का सर्टिफिकेट लगा कर धडल्ले से किसानी के नाम पर ऋण बाटा जा रहा है।