इंद्रजीत असवाल
पौड़ी गढ़वाल
सतपुली :
पहाड़ो से पलायन होने के कारण आज गांव में युवाओं की संख्या न के बराबर है, जिसका सीधा प्रभाव होली त्योहार पर भी पड़ा है |
पहाड़ो में पहले लोग गांव गांव जाकर होली गाते खेलते थे, लेकिन आज आधुनिक दौर में लोग इस त्योहार को भूल से गए हैं|
सतपुली की होलियार टीम आज भी अपनी संस्कृति को बचाने के लिए बड़े छोटे बाजारों में जाकर पारम्परिक रूप से होली के गीत गाते हैं व अपनी आने वाली पीढ़ी को जोड़ने के लिये व उनको ये दिखाने के लिए की कभी हमारे पूर्वज इसी तरह होली मनाते थे|
टीम में मनीष खुगशाल स्वतंत्र , डबल मिया, धन्ना नेगी, प्रेम सिंह अंकल, आदि थे|