लालढांग में तीन गुलदारों के शव मिलने से वन महकमे में हड़कम्प।लैंसडौन वन प्रभाग,राजाजी टाइगर पार्क और हरिद्वार वन प्रभाग के सीमाओं में मिले गुलदारों के शव
अनुज नेगी
एक ओर सरकार गुलदार व बाघों के संरक्षण में अनेक प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार विभाग कुम्भकर्ण की नींद में सोया है।
शुक्रवार की सुबह लालढांग में तीन गुलदारों के शव मिलने से वन महकमे में हड़कम्प मच गया।लालढांग में लैंसडौन वन प्रभाग,राजाजी टाइगर पार्क और हरिद्वार वन प्रभाग ने आज एक के बाद एक तीन गुलदारों के शव मिलने से वन महकमें में हड़कंप मच गया। आज तड़के हरिद्वार वन प्रभाग की चिड़ियापुर रेंज में ग्रामीणों की सूचना पर वन महकमे ने एक गुलदार के शव को बरामद किया।
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मगर थोड़ी देर के भीतर ही इस स्थान से कुछ दूरी पर दो अन्य गुलदारों के मृत मिलने की सूचना पर वन महकमा सकते हैं। जिस स्थान पर यह शव मिले हैं, वह स्थान राजाजी टाइगर रिजर्व, लैंसडौन वन प्रभाग व हरीद्वार वन प्रभाग का जंक्सन माना जाता है। आखिर सबसे बड़ा सवाल है कि तीन वनप्रभागों का जंक्सन होने के बाद भी अति संवेदनशील इस स्थान के वन कर्मी क्या कर रहे थे।आखिर उन्हें सूचना इतनी देर से क्यों मिली।
“प्रथम दृष्टया जहर से इनकी मौत की संभावना नजर आ रही है। पोस्टमार्टम की आने के बाद असल वजह पता लग पायेगी।यह बड़ी चिंता का विषय,वन प्रभाग के तीनों सीमाओ को हाई अलर्ट कर दिया गया है।”
—जय राज- प्रमुख वन संरक्षक, उत्तराखंड