देहरादून, जुलाई 2025
उत्तराखंड की लोक संस्कृति और पर्यावरण चेतना के अद्भुत मेल हरेला पर्व के उपलक्ष्य में सीआईएमएस एंड आर कॉलेज, देहरादून में “आओ प्रकृति संवारे” विषयक एक भव्य आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान उत्तराखंड प्रांत, सजग इंडिया और सीआईएमएस कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ, जिसमें पर्यावरण संरक्षण, लोक परंपरा और सामुदायिक सहभागिता को लेकर महत्वपूर्ण संवाद स्थापित हुआ।
🌿 हरेला: केवल पर्व नहीं, चेतना का उत्सव
मुख्य अतिथि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. जे.एम.एस. राणा ने अपने वक्तव्य में कहा कि हरेला केवल एक परंपरागत पर्व नहीं, बल्कि मनुष्य और प्रकृति के बीच एक जीवंत संवाद का अवसर है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1986 में हरेला को एक संगठित आंदोलन के रूप में जब वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ा गया, तब इसने समाज में गहरी जड़ें पकड़ीं।
उन्होंने कहा,
“हरेला केवल पेड़ लगाने का कार्यक्रम नहीं, यह पर्यावरणीय नागरिकता और संवेदनशीलता विकसित करने की प्रक्रिया है। यह पर्व जल, जंगल और जमीन से जुड़ने का संदेश देता है।”
🌱 परंपरा से पर्यावरण तक: सांस्कृतिक मूल्यों को नई ऊर्जा
एडवोकेट ललित मोहन जोशी, अध्यक्ष (सीआईएमएस एवं यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज एवं सजग इंडिया), ने हरेला की पारंपरिक प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि
“कुमाऊं क्षेत्र में हरेला के अवसर पर घरों में रिंगाल या पत्तों की टोकरियों में 5 या 7 अनाज बोए जाते हैं, जिन्हें नौ दिनों तक सींचा जाता है और दसवें दिन पूजा कर सभी को आशीर्वाद स्वरूप अर्पित किया जाता है।”
उन्होंने इस पर्व को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जनजागरण का महत्वपूर्ण माध्यम बताया और कहा कि वर्तमान समय में प्रकृति से जुड़ाव ही पृथ्वी की रक्षा का आधार बन सकता है।
🌏 पर्यावरण चेतना को विज्ञान से जोड़ने की जरूरत: प्रो. अनीता रावत
प्रोफेसर (डॉ.) अनीता रावत ने भारतीय संस्कृति में पंचमहाभूतों — पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा,
“हरेला पर्व प्रकृति को समर्पित लोक उत्सव है, और हमें केवल पौधारोपण तक सीमित नहीं रहना, बल्कि उनकी देखभाल को भी जीवनचर्या में शामिल करना चाहिए।”
🎙️ छात्र-छात्राओं की रचनात्मक प्रस्तुतियां
कार्यक्रम में सीआईएमएस कॉलेज के छात्रों ने हरेला और पर्यावरण संरक्षण पर आधारित कविताएं व भाषण प्रस्तुत किए, जिनमें लोक संस्कृति, हरियाली और भावी पीढ़ी की जिम्मेदारी को रेखांकित किया गया।
🌳 अतिथियों ने किया वृक्षारोपण
कार्यक्रम के दौरान सभी विशिष्ट अतिथियों ने कॉलेज परिसर में वृक्षारोपण कर पर्यावरण सरंक्षण का संदेश दिया।
विशिष्ट अतिथियों में प्रमुख रूप से उपस्थित थे:
- राजीव नयन पांडे, अनुभाग अधिकारी, उत्तराखंड सचिवालय
- इन्द्रपाल सिंह परमार, प्रधानाचार्य, सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, चंबा
- मनोज रयाल, प्रधानाचार्य, सरस्वती विद्या मंदिर मसूरी
🎓 आयोजक मंडल और उपस्थित गणमान्य
इस अवसर पर मैनेजिंग डायरेक्टर संजय जोशी, प्रशासनिक अधिकारी (सेनि.) मेजर ललित सामंत, उत्तराखंड डिफेंस एकेडमी के निदेशक (सेनि.) कर्नल नेगी, डॉ. आर.एन. सिंह, डॉ. अंजना गुंसाई, मनमोहन, गणेश कांडपाल, मनोज सामंत समेत बड़ी संख्या में शिक्षक, अधिकारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।