स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने अपने अधिवक्ताओं के चैंबर निर्माण कार्य में हो रही देरी के मामले पर सुनवाई करते हुए लोक निर्माण विभाग से देरी का कारण पूछा । जवाब में लो.नि.वी.ने न्यायालय से कहा कि, उनको मलुए को डंप करने की परमिशन नही मिल रही है, क्योंकि उस स्थान पर अधिवक्ता गाड़िया खड़ी करते हैं । इसपर न्यायालय ने दोपहर बाद वहां खड़ी सभी गाड़ियों को हटाने को कहा और पी.डब्लू.डी.से कहा कि शीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाए।
मामले के अनुसार प्रदीप कुमार चौहान व 104 अन्य अधिवक्ताओ ने याचीका दायर कर कहा कि, वर्ष 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अधिवक्ताओ के चैम्बर निर्माण हेतु एक करोड़ रुपये आवंटित किए थे|जिसमें से कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग को चैम्बर निर्माण के लिए 50 लाख रुपये दे दिए गए थे । उसके बाद भी चैम्बर निर्माण का कार्य प्रारंभ नही हुआ। याचिकाकर्ताओ का कहना है कि, चैम्बर नहीं होने के कारण उनको कई परेशानियो का सामना करना पड़ता है । उन्होंने कहा कि, न तो उनके पास खुद बैठने के लिए जगह है और न ही पार्किंग और वादकारियों को बैठाने की जगह है ।