कमल जगाती, नैनीताल
उच्च न्यायालय नैनीताल ने पिछली कई तारीखों में सचिव कार्मिक को जवाब पेश करने को कहा था, लेकिन अबतक उन्होंने न्यायालय में कोई जवाब पेश नही किया जिसका पालन नहीं करने पर उच्च न्यायालय ने उन्हें 18 नवम्बर को व्यगतिगत रूप से उपस्थित होने को कहा था। परन्तु इसके बावजूद उपस्थित नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए अब न्यायालय ने उनके खिलाफ बेलेबल वारंट जारी कर आगामी 26 नवम्बर को कारण के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा है।
न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि क्यों न आपके खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 215 के अन्तर्गत चार्ज फ्रेम किया जाए ? आपने कोर्ट के आदेश व समय का उल्लंघन किया है।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ में हुई।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी लक्ष्मी मेहरा ने न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि उसने यू.के.पी.सी.एस.की परीक्षा दी थी, लेकिन आयोग ने परीक्षा तिथि को उनको सहायक मुहैय्या इसलिए नही कराया क्योंकि वह आंशिक रूप से दृष्टिबाधित है, और आंशिक रूप से दृष्टिबाधित आवेदकों को सहायक देने संबंधी उनके पास कोई सरकारी शासनादेश नही है।
याची ने शासनादेश को स्पष्ट करने को कहा था लेकिन न्यायालय द्वारा सरकार से पूछे जाने के बावजूद अबतक शासनादेश स्पष्ट नहीं किया गया है।
पिछली तारीख पर व्यक्तिगत उपस्थिति के आदेशों को नजरअंदाज करने पर सचिव कार्मिक के खिलाफ जमानती वारेंट जारी किए गए हैं और 26 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने को कहा गया है।