उत्तराखंड में एचएनबी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति जवाहरलाल कॉल पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उन्हें बर्खास्त करने का पक्का मन बना लिया है।
कुलपति कॉल को कई प्रशासनिक अनियमितताओं और मनमानियों के लिए निकाला जा सकता है। नवंबर 2014 में उत्तराखंड में कुलपति बने कॉल ने निजी संबद्ध कॉलेजों को जमकर फायदा पहुंचाया।
कुलपति ने अपनी मर्जी से प्राइवेट कॉलेजों की सीटें 200 तक बढ़ा दी। जबकि वीसी को केवल 60 सीटें बढ़ाने की अनुमति है और विशेष परिस्थितियों में वह 80 सीट तक बढ़ा सकता है। उन पर दूसरा आरोप है कि उन्होंने निजी कॉलेजों की संबद्धता शुल्क मे अपने स्तर से ही भारी कटौती कर दी। जबकि उन्हें इसका कोई अधिकार नहीं था।
कई टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों को भी उन्होंने बैक डेट में संबद्धता दी और उन कॉलेजों का भी रिजल्ट जारी करा दिया जिनकी संबद्धता अभी भी जांच का विषय थी।
पहले मंत्रालय से उनकी अनियमितताओं की जांच करने के लिए आई टीम ने भी उन पर लगे इन आरोपों को सही पाया और उन्हें कारण बताओ नोटिस भी इसी साल फरवरी में जारी किया था। 3 हफ्ते की तय समय सीमा निधि कुलपति कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
मंत्रालय ने केंद्रीय विश्वविद्यालयअधिनियम 2009 धारा 2(5 )के अंतर्गत उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया। लेकिन कॉल के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए।मानव संसाधन विकास मंत्रालय उच्च शिक्षा में सुधार के लिए काफी प्रयासरत है और अभी तक लगभग आधे दर्जन से अधिक कुलपतियों को दरवाजा दिखा चुका है। जाहिर है कि मंत्रालय के रडार पर आए कुलपति जवाहर लाल का बचना अब मुश्किल माना जा रहा है।