22 अगस्त को देहरादून में ईडी ऑफिस के घेराव के चार दिन बाद ईडी ने पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर को भ्रष्टाचार के एक मामले में सोमवार को पेश होने का नोटिस जारी किया है।
गौर तलब है कि ईडी पर राजनीतिक द्वेष से प्रेरित होकर विपक्षी दलों पर कार्रवाई करने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या मे ईडी ऑफिस का घेराव किया था। इस दौरान पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर हरक सिंह रावत को गिरफ्तार कर दिया गया था।
ईडी का नोटिस मिलने पर हरक सिंह रावत के समर्थकों ने और कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग विपक्षी दलों के नेताओं को दबाव में लाने के लिए किया जा रहा है।
कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में पेड़ों के अवैध कटान और निर्माण के मामले में हरक सिंह रावत की मुश्किले कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं।
सीबीआई ने अक्टूबर 2023 में मुकदमा दर्ज किया, जबकि दिसंबर 2023 में ईडी की एंट्री हुई। ईडी फरवरी 2024 में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत समेत उनके करीबियों और कई वन अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी भी कर चुकी है।
सूत्रों से पता चला हैं कि, उन्होंने सीबीआई के समक्ष पेश होकर कहा कि वन मंत्री होने के नाते उन्होंने फाइलों पर हस्ताक्षर किए। यदि कहीं कोई गड़बड़ की गई है तो उसके लिए अफसर दोषी हैं। क्योंकि, नियमों का परीक्षण करना मंत्री का काम नहीं होता है।
पूरा मामला:
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के लिए पेड़ों के अवैध कटान की शिकायत मिली जिसके बाद स्थलीय जांच की।
जांच में शिकायत को सही पाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की गई। इस प्रकरण की अब तक कई एजेंसियां जांच कर चुकी हैं।
मामले के अनुसार,सफारी के लिए स्वीकृति से अधिक पेड़ों के कटान के साथ ही बड़े पैमाने पर बिना वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति के निर्माण कराए गए। सुप्रीम कोर्ट की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने इस प्रकरण में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह की भूमिका पर भी प्रश्न उठाते हुए उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया था। भारतीय वन सर्वेक्षण की सेटेलाइट जांच में यहां छह हजार से ज्यादा पेड़ों के कटान की बात सामने आई थी। मामले में दो आएफएस पर भी कार्रवाई की जा चुकी है।
वर्ष-2022 में विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में इस मामले मे मुकदमा दर्ज किया गया। जांच के बाद विजिलेंस ने एक आरोपी बृजबिहारी शर्मा को गिरफ्तार किया और इसके बाद 24 दिसंबर 2022 को पूर्व डीएफओ किशनचंद को भी गिरफ्तार कर लिया।
विजिलेंस ने वर्ष 2022 30 अगस्त को पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के परिवार से संबंधित देहरादून में एक शिक्षण संस्थान और एक पेट्रोल पंप पर भी छापा मारा था। इस बीच उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआइ ने विजिलेंस से जांच संबंधी दस्तावेज हासिल किए और मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु की।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फरवरी 2024 में जांच का दायरा बढ़ाते हुए कार्बेट सफारी प्रकरण के साथ ही तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत से जुड़े जमीन खरीद प्रकरण को भी कवर किया। ईडी ने किशन चंद के साथ ही हरक सिंह रावत के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी ने वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक के आवास पर भी छापा मारा।