दरोगा भर्ती घोटाले मामले में जांच आगे बढ़ने के साथ ही कई बड़े खुलासे हो रहे हैं भर्ती होने के लिए अभ्यर्थियों ने अपने जमीन और जेवर या तो भेज दिए यह गिरवी रख दीए भर्ती होने के बाद मोटा माल कमा कर फिर वापस भी ले लिएl यह खुलासा विजिलेंस की जांच में हुआ हैl
2015 में दरोगा भर्ती परीक्षा धांधली मामले में कुछ दिन पहले पुलिस विभाग ने 20 दरोगा को निलंबित कर दिया था l साथ ही विभाग ने इनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी थीl
जांच के दौरान कई बड़ी चीजें निकलकर सामने आ रही हैं जो संख्या पहले 30- 35 मानी जा रही थी,वह अब बढ़कर 100 के पार हो गई हैl
दरोगा भर्ती धांधली मामले की जांच विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में हो रही है। इस मुकदमे में पंतनगर विवि के पूर्व बाबू दिनेश चंद और एक डीन समेत कुल 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
विजिलेंस की जांच में हुए कई खुलासे:
- अभ्यर्थियों ने आरोपियों के पास अपनी जमीनें और जेवर गिरवी रख दी थीं। दरोगा बनने केे कुछ सालों में ही मोटा माल कमाया और फिर पैसे चुकाकर इन्हें वापस ले लिया।
- आरोपियों ने भर्ती के लिए कोई फिक्स रेट नहीं रखा था,जिसके पास जो था या तो उसे गिरवी रख लिया या फिर खरीदकर अभ्यर्थियों को पास कराया गया।
- नौकरी के सौदागरों ने ही अपने पास जमीन जेवर गिरवी रखकर अभ्यर्थियों को नौकरी दिलवाई।
- दरोगा बनने के दो से तीन साल के भीतर ही इन जेवर और जमीनों को पैसे देकर छुड़वा लिया गया। कुछ अभ्यर्थियों ने तो इन आरोपियों को जमीनें और दुकानें बेच भी डालीं।