उत्तराखंड में चल रहे फर्जी चिकित्सा शिक्षा संस्थान। यूकेडी ने दिखाए तेवर
उत्तराखंड राज्य को बने इन 20 वर्षो में सरकारी विभागों की भर्तियों, प्राइवेट संस्थानों की मान्यताओं से लेकर हर तरफ भ्रष्ट्राचार और फर्जीवाड़ा फैला हुआ है। उक्रांद इन भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े के खिलाफ मुखर होकर बारी-बारी से खोलेगा तथा आंदोलन चलायेगा। प्रेस से मुख़ातिब होते हुये सुनिल ध्यानी व शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि, भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड जो आयुर्वेदिक निजी संस्थानों का फर्जीवाड़े का मुखिया बन गया। ऐसे संस्थानों को चलाया जा रहा है। जिन्हें मान्यता ही नही मिली है या फिर डिप्लोमा कोर्सो को मान्यता नही दी गयी। ये सभी संस्थान युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है, जिसे दल कतई बर्दाश्त नही करेगा। तथा इन फर्जी संस्थानों के खिलाफ बंद/तालाबंदी की मुहिम चलायेगा।
साथ ही भारतीय चिकित्सा परिषद जो फर्जीवाडा का अड्डा बन गया इन अधिकारियों को सबक सिखाएगा। विदित है कि, भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा संचालित अटल विहारी वाजपाई पैरा मेडिकल संस्थान को कोई मान्यता नही है, लेकिन आज भी चल रहा है। जबकि शासन द्वारा स्पष्ट है कि, इस संस्थान को मान्यता नही है। जिसमें 200 बच्चों का भविष्य अधर में लटक चुका है। जिसका खुलासा कुछ माह पूर्व हो चुका है। यही नही भारतीय चिकित्सा परिषद के सर्वोच्च पदों पर बैठे अधिकारी अटल विहारी बाजपाई पेरा मेडिकल संस्थान के समान्तर अनमोल भारतीय उपचार एवं योगा संस्थान बल्लूपुर रोड़ देहरादून और श्री आयुष हॉस्पिटल एंड रिसर्च संस्थान नेहरू कॉलोनी देहरादून संचालित हो रहे है।
जिनको की डिप्लोमा कोर्सो में मान्यता नही है और वो कोर्स चल रहे है। जिनमे से योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहायक और पंचकर्म अटेंडेंट को मान्यता नही है। जो अभ्यार्थी इन कोर्सो को कर रहे है और उनके अभिभावक जो अपने बच्चे के भविष्य को लेकर खर्च कर रहे है उनके साथ धोखा है। उत्तराखंड क्रान्ति दल राज्य में चल रहे आयुर्वेद संस्थान ही नहीं बल्कि अन्य फर्जी संस्थानों को संचालित नही होने देगा। इन संस्थानों को बंद करने व तालाबंदी का अभियान चलायेगा।
साथ ही फर्जीवाड़े में सम्मिलित अधिकारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाये जायेंगे। दल इन सभी फर्जी संस्थानों को एक माह का समय देता है कि, स्वयं अपने संस्थानों को बंद करे अन्यथा दल कड़े कदम उठाने को मजबूर होगा। प्रेस वार्ता में लताफत हुसैन, सुनील ध्यानी, शिव प्रसाद सेमवाल, अशोक नेगी, अरविंद बिष्ट आदि उपस्तिथ थे।