विकास नगर:
सिंचाई विभाग ने जो कार्यवाही की वह ऊंट के मुंह में जीरे समान
पर्वत जन की ख़बर क़ा असर एक बार फिर देखने को मिला है, ख़बर प्रकाशित होने के बाद सिंचाई विभाग व ठेकेदारों में हड़कंप मच गया पर्वत जन के द्वारा भ्रष्टाचार की गुल शीर्षक नाम से प्रमुखता से ख़बर प्रकाशित की गई थी| सिंचाई विभाग द्वारा अट्ठाइस किलोमीटर सिंचाई गुल की मरम्मत क़ा कार्य विकास नगर विधानसभा के दर्जनों गांव में कराया जा रहा है जिसकी लागत लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए है|
किसानों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से उत्तराखंड सरकार सिंचाई गुल बनवा रही है लेकिन यह योजना घोटाले ओर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई| पर्वतजन द्वारा जब इस योजना की पड़ताल की गई तो सारा मामला सामने आ गया और योजना में भारी अनियमितता पाई गई, और पर्वतजन ने एक जिम्मेदार प्रतिनिधि होने के नाते हमारी टीम ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों व विकास नगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान से इस बाबत जानकारी दी गई तो अधिकारियों व विधायक ने इस मामले को गंभीरता से लिया विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने तो फ़ोन पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई |
विधायक की लताड़ के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया और विभाग की पूरी टीम कार्य स्थल पर पहुंची और गुल निर्माण में इस्तेमाल की जा रही निर्माण सामग्री की जांच की अधिकारियों की जाँच में सिंचाई गुल में भारी अनियमितता पाई गयी| गुल निर्माण में बेहद ही घटिया किस्म की ईंटो का इस्तेमाल होता पाया गया, जिस पर अधिकारियों ने कार्य करा रहें ठेकेदार के गुर्गों को जमकर लताड़ लगाई और मौके से घटिया किस्म की ईंटो को हटाया और कुछ निर्माण भी तुड़वाया लेकिन यह कार्यवाही महज ऊंट के मुंह में जीरे के समान नजर आयी,क्योंकि जो कार्यवाही की गई है वह पर्याप्त नहीं है, क्योंकि करोडो रुपए की इस योजना में भारी अनियमितताये है|
कह सकते है, कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने महज खानापूर्ति की कार्यवाही की है| य़ा यू कहें कि विधायक के गुस्से को शांत करने के लिए दिखावा किया है, क्योंकि घटिया किस्म की ईंटे व घटिया गुणवत्ता की निर्माण सामग्री बहुत बड़े पैमाने पर इस सिंचाई गुल निर्माण में की जा चुकी है| और बड़े पैमाने पर किये गए निर्माण को तुड़वाया कैसे जाये, यह गले की हड्डी बन गया है|
बताया यह भी जा रहा है कि इस निर्माण में जिस ठेकेदार को टेंडर दिया गया है, वह बहुत ही प्रभावशाली है
| और उसकी पहुंच विभाग के बड़े अधिकारियों व सत्ता के कई बड़े नेताओं तक है, जिनके संरक्षण में ठेकेदार इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहा है और कार्यवाही के नाम पर लीपापोती करवा रहा है|
जिससे की बड़ी कार्यवाही से बचा जा सके और मीडिया कर्मियों की आँखो में धूल झोंक सके तो वही जब सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही के संबंध में किसानों से बात की गई तो उनका कहना है, कि जब तक पूरे निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच नहीं हो जाती ओर योजना में इस्तेमाल की गई घटिया किस्म की ईंटे नहीं हटाई जाती वह नहीं मानेंगे|
साथ हीं किसानों ने ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग भी की गई और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने की मांग पर अड़े हुए है सिंचाई गुल क़ा निर्माण किसी ओर एजेंसी से कराने की मांग कर रहें है जिससे योजना में घोटाला ओर भ्रष्टाचार ना हो सके बता दे कि अट्ठाइस किलोमीटर की सिंचाई गुल निर्माण की इस योजना में कई गांव के लोग आपत्ति भी कर चुके हैं, बावजूद इसके ठेकेदार द्वारा कई जगह घटिया गुणवत्ता कि सिंचाई गुल बना भई चुका है जिसकी जांच अभी तक विभाग ने नहीं की है जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है|