स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार की बर्खास्त जिला पंचायत अध्यक्ष सविता चौधरी सहित तीन अन्य द्वारा जिला पंचायत का करोड़ो रूपये का भुगतान अभीतक नही करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने कहा कि राज्य सरकार का शपथपत्र आना आवश्यक है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अभीतक राज्य सरकार ने शपथपत्र पेश नही किया है।
मामले के अनुसार मंगलोर निवासी अमित कुमार ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि बर्खास्त जिला पंचायत अध्यक्ष व तीन अन्य ने अपने पद का दुरप्रयोग कर जिला पंचायत हरिद्वार में करोड़ो रूपये की वित्तीय अनियमिताएं की। जिसकी जाँच कमिश्नर गढ़वाल मंडल द्वारा की गई जो सही पाई गई। जिला पंचायत अध्यक्ष को बर्खास्त किया गया और 5 वर्ष तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष पर छः करोड़ आठ लाख सैंतीस हजार छः सौ छियत्तर रुपये वसूलने के आदेश हुए। वहीं कुसुम, विजयपाल और मोहम्मद ताहिर पर तीन करोड़ चौतीस लाख बहत्तर हजार एक सौ अठत्तर रुपये वसूलने के आदेश दिए। जो अभी तक जिला प्रसाशन द्वारा नहीं वसूला गया। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि इनसे उक्त धनराशि वसूली जाय और इनके चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगाया जाए। क्योंकि इन्होंने सरकारी धन का दुरुपयोग किया है।