हल्द्वानी निवासी चंद्रशेखर करगेती द्वारा गीताराम नौटियाल संयुक्त निदेशक समाज कल्याण विभाग के विरुद्ध फेसबुक सोशल मीडिया के माध्यम से अपशब्दों का प्रयोग करने, उच्चाधिकारियों को झूठी गंभीर शिकायतें करने के मामले में विशेष न्यायालय एससी/ एसटी एक्ट देहरादून ने चंद्रशेखर करगेती के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है।
चंद्रशेखर करगेती ने विशेष न्यायालय एससी/एसटी एक्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए खुद को दोषमुक्त करने का अनुरोध किया था।
विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट न्यायालय ने करगेती के अनुरोध पत्र को खारिज करते हुए आदेश में कहा है कि आरोपी करगेती के खिलाफ सुनवाई के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं ।
न्यायालय ने करगेती के खिलाफ आरोप तय करने के लिए 24 अप्रैल 2024 की तारीख निर्धारित की है।
इस मामले में बताते चलें कि गीताराम नौटियाल संयुक्त निदेशक समाज कल्याण विभाग ने वर्ष 2016 में चंद्रशेखर करगेती के विरुद्ध एससी एसटी एक्ट तथा आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
मामले की विवेचना सीओ स्तर के अधिकारी द्वारा करते हुए वर्ष 2017 में करगेती के खिलाफ एससी एसटी एक्ट विशेष न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया।
चंद्रशेखर करगेती ने आरोप पत्र को निरस्त कराने के संबंध में पहले हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिकाएं दाखिल की परंतु हाई कोर्ट में वर्ष 2018 तथा सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2021 में करगेती की रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
विशेष न्यायालय के ताजा आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि चंद्रशेखर करगेती के विरुद्ध आरोप तय होने के बाद ट्रायल शुरू हो जाएगा।
कानून जानकारों का कहना है कि यदि मामले में ट्रायल के दौरान करगेती के विरुद्ध आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो उनकी परेशानी बढ़ सकती है।