कोटद्वार। पुलिस को अनुशासन के लिए जाना जाता है, किंतु गुरुवार दोपहर एक महिला दारोगा द्वारा तहसीलदार के आने के बाद भी कुर्सी से उठने की जहमत नहीं उठाई, जबकि तहसीलदार एक मजिस्ट्रेट होता है। तहसीलदार भी किसी का चालान छोडऩे की बात कहते सुनाई दे रहे हैं।
दरअसल महिला दारोगा की दबंगई का वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें महिला दारोगा तहसीलदार को अपनी दबंगई दिखाती नजर आ रही है। कोटद्वार थाने में पदस्थ महिला दारोगा पूनम शाह की ड्यूटी गुरुवार को झंडाचौक पर चल रही थी।
इसी दौरान उन्होंने एक गाड़ी वाले को पकड़ा और उसका चालान काटने लगी। तभी वहां पर मौजूद तहसीलदार डीएस रावत वहां पर पहुंचे औ महिला दारोगा से चालान छोडऩे की विनती करने लगे।
तहसीलदार की विनती को देखते हुए महिला दारोगा अनुशासन ही भूल गई। उन्होंने तहसीलदार को सम्मान देना भी उचित नहीं समझा। महिला दारोगा कुर्सी पर बैठे-बैठे आर्डर देती हुई दिखी। जानकारों के अनुसार तहसीलदार एक उच्च अधिकारी होता है और वह जमीनी विवादों में मजिस्ट्रेट की भूमिका निभाता है।
महिला दरोगा का कहना है कि उन्होंने जय हिंद तथा आवश्यक शिष्टाचार सुबह ही निभा लिया था तथा ड्यूटी की तत्परता के वक्त ध्यान ड्यूटी में व्यस्त होने के कारण वह औपचारिकता का ध्यान नहीं रख पाई।