कुमार दुष्यंत/हरिद्वार
हरिद्वार में सत्तारूढ़ भाजपा के दो विधायकों कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन व देशराज कर्णवाल का मामला सुलटने के बाद अब भाजपा विधायक यतीश्वरानंद व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के विवाद को लेकर भाजपा फिर से असहज दिखाई दे रही है। मामला एक-दूसरे के खिलाफ धरने-प्रदर्शन से लेकर मुकदमेबाजी तक बढ निकला है। कुछ लोगों ने पूरा मामला पीएमओ तक पहुंचा दिया है, लेकिन अपने दो कद्दावर विधायकों के मामले में फिलहाल पार्टी को कोई हल नहीं सूझ रहा।
विवाद हरिद्वार के गुरुकुल महाविद्यालय की सैंकडों बीघा भूमि को लेकर है, जिसकी करोड़ों रुपये मूल्य की भूमि को लेकर भाजपा के यह दोनों कद्दावर विधायक एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।

हरिद्वार में करीब सौ वर्ष से अधिक पुराने गुरुकुल महाविद्यालय की स्थापना आर्य समाजी संत स्वामी दर्शनानंद ने की थी। एक वक्त वैदिक शिक्षा क्षेत्र में संस्था का बड़ा नाम था। गुरुकुल के एक हिस्से में आयुर्वेदिक औषधियों का उत्पादन भी होता रहा, लेकिन अब काफी समय से संस्था की गतिविधियां क्षीण हैं, लेकिन इसकी बेशकीमती करीब साढे तीन सौ बीघा भूमि को लेकर अब विवाद शुरू हो गए हैं।
संस्था की देख रेख आर्य समाजी संस्थाएं करती हैं। गुरुकुल महाविद्यालय पर वर्चस्व को लेकर इन संस्थाओं में राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा विधायक स्वामी यतीश्वरानंद भी आर्य समाजी होने के कारण इस महाविद्यालय का रखरखाव करने वाली आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रमुख मंत्री पद पर थे, लेकिन वर्चस्व की लड़ाई में संस्था पर काबिज दूसरे गुट ने विधायक यतीश्वरानंद को मंत्री पद से बर्खास्त करते हुए हरिद्वार विधायक व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक को प्रतिनिधि सभा में उप प्रधान चुन लिया। स्वामी यतीश्वरानंद ने तभी से कैबिनेट मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। फिलहाल महाविद्यालय में यतीश्वरानंद व कौशिक के सरंक्षण वाली दो समानांतर संस्थाएं चल रही हैं।
महाविद्यालय पर नियंत्रण को लेकर दोनों गुट अभी तक कई बार आपस में भिड़ चुके हैं।

पिछले दिनों विवादों के चलते बंद संस्था के केंद्रीय कार्यालय पर मंत्री मदन कौशिक के समर्थक गुट ने कब्जा कर लिया था, जिसके खिलाफ विधायक यतीश्वरानंद समर्थकोंं के साथ केंद्रीय कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए थे। यतीश्वरानंद ने खुलकर आरोप लगाया है कि कुछ लोग संस्था की बेशकीमती भूमि को हडपने की कोशिशों में लगे हुए हैं। उन्होंने कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक पर ऐसे लोगों को सरंक्षण देने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं, उन्होंने मंत्री की संपत्ति की सीबीआई से जांच की मांग भी कर डाली है।
उधर संस्था पर काबिज गुट ने भी ऐसे ही आरोप यतीश्वरानंद पर लगाए हैं। संस्था के पदाधिकारियों का कहना है कि यतीश्वरानंद स्वयं भूमाफिया हैं और महाविद्यालय की बेशकीमती जमीन पर कुदृष्टि गढा़ए हैं। संस्था विरोधी गतिविधियों के ही कारण उन्हें प्रतिनिधि सभा से हटाया जा चुका है, जिससे खीझकर वह संस्था पदाधिकारियों पर झूठे आरोप लगाकर संस्था को बदनाम कर रहे हैं।

पूरे विवाद को लेकर भाजपा व आर्य समाजी संस्थाएं दो गुटों में बंट गई हैं और दोनों गुट एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए एक दूसरे के खिलाफ धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ विधायक व एक कैबिनेट मंत्री के बीच का मामला होने के कारण पुलिस भी फूंक-फूंककर कदम रख रही है।
महाविद्यालय में फिलहाल पुलिस तैनात है। फिलहाल दोनों पक्षों के जो तेवर हैं, उससे यह मामला जल्दी शांत होता नहीं दीखता।हालांकि जिला प्रशासन इस हाईप्रोफाइल मामले पर लंबे समय से तनाव व विवाद को देखते हुए अब महाविद्यालय पर रिसीवर नियुक्त करने की तैयारियों में है।
”गुरुकुल महाविद्यालय आर्य समाज की प्रतिष्ठित संस्था है। यह हमारे लिए मक्का-मदीना से कम नहीं है, लेकिन कुछ गैर आर्य समाजी इसकी बेशकीमती भूमि को खुर्दबुर्द करना चाहते हैं। मंत्री मदन कौशिक अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इन लोगों को सरंक्षण दे रहे हैं। हमारी मांग है कि मंत्री को तत्काल बर्खास्त कर पूरे मामले की एसआईटी या सीबीआई से जांच कराई जाए।”
– स्वामी यतीश्वरानंद, विधायक