मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डोईवाला से बीएसएफ का इंस्टीट्यूट शिफ्ट न किए जाने पर गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने लिखा है,-“मुझे डोईवाला की जनता को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने यहां स्थापित बीएसएफ इंस्टिट्यूट ऑफ एडवेंचर एंड एडवांस ट्रेनिंग (बी आई ए ए टी) को यथावत रखने और इसे अन्यत्र शिफ्ट न करने का फैसला किया है। इस फैसले के लिए मैं देवभूमि की जनता की ओर से गृह मंत्री जी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।” अब अगर इसी तरह के एक और इंस्टिट्यूट एनसीसी की बात की जाए तो उस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का अलग ही स्टैंडर्ड है।
एनसीसी को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पौड़ी शिफ्ट करने पर तुले हुए हैं।
देवप्रयाग में स्थानीय लोग पिछले 6 महीने से आंदोलन कर रहे हैं और कल तो वे क्षेत्रीय विधायक कंडारी के चंद्रबदनी आगमन पर ही इतने उग्र हो गए कि वहां पर भारी पुलिस बल को बल प्रयोग करना पड़ा।
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लेकिन इसके बावजूद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अड़ियलपन छोड़न को राजी नहीं है।
आखिर यह किस तरह का डबल स्टैंडर्ड है।
मुख्यमंत्री जिस तरह से अपनी विधानसभा से बीएसएफ को शिफ्ट न किए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री का आभार जता रहे हैं, उसी तरह यदि मुख्यमंत्री ने बड़ा दिल दिखाया होता तो आज देवप्रयाग टिहरी से भी एनसीसी को शिफ्ट न किए जाने का निर्णय ले चुके होते। और टिहरी की जनता भी मुख्यमंत्री का आभार जता रही होती।
बहरहाल डोईवाला के बीएसएफ और टिहरी के एनसीसी पर सीएम के इस दोहरे पैमाने से साफ पता लगता है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपनी विधानसभा डोईवाला तथा अपने गृह क्षेत्र पौड़ी से उबर कर राज्य व्यापी दृष्टिकोण नहीं अपना पा रहे हैं।