उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 से पहले गोपनीय ड्यूटी सूची लीक होने का मामला सामने आने से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी संबंधित यह संवेदनशील सूची सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, जिसे लेकर प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई है।
यह पहला मामला है जब त्रिस्तरीय चुनाव से जुड़ी गोपनीय जानकारी सार्वजनिक मंच पर आ गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन नई ड्यूटी सूची बनाने की बात कर रहा है और साथ ही इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की तैयारी भी की जा रही है।
📌 क्या है मामला?
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी को पूरी गोपनीयता के साथ निर्धारित किया जाता है। यह ड्यूटी सूची सीलबंद लिफाफों में संबंधित मतदान स्थलों तक पहुंचाई जाती है, जिससे चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।
लेकिन इस बार यह पूरी व्यवस्था सोशल मीडिया पर लीक हो गई। जैसे ही यह सूची ऑनलाइन सामने आई, जिला प्रशासन के होश उड़ गए। प्रशासन को आशंका है कि यह लीक किसी आंतरिक कर्मचारी या अधिकारी की लापरवाही से हुआ है।
⚠ ड्यूटी लगाने में बरती गई लापरवाही
लीक की गई सूची को लेकर एक और बड़ा मुद्दा सामने आया है। बताया जा रहा है कि ड्यूटी का निर्धारण नियमानुसार नहीं किया गया। कुछ ऐसे कर्मचारी, जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं या डायलिसिस पर हैं, उनकी ड्यूटी भी दूरस्थ मतदान स्थलों में लगा दी गई है।
इतना ही नहीं, गर्भवती महिला कर्मचारियों को भी कठिन और दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात किया गया है, जो नियमों के विरुद्ध है।
इस तरह की अनियमितताओं के कारण ही ड्यूटी सूची को लेकर असंतोष फैला और अंततः यह सूची सोशल मीडिया में लीक हो गई।
🗣 क्या बोले जिला निर्वाचन अधिकारी?
जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी विनोद गोस्वामी ने कहा है कि,
“गोपनीय ड्यूटी सूची लीक होना अत्यंत गंभीर मामला है। इसकी उच्चस्तरीय जांच करवाई जाएगी और जो भी कर्मचारी या अधिकारी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि प्रशासन जल्द ही नई गोपनीय सूची तैयार करेगा ताकि चुनावी प्रक्रिया प्रभावित न हो।


