अल्मोड़ा गांधी पुलिस पर लगा हत्या का आरोप, पटवारी निलम्बित
— आज़ादी के बाद पहली बार गांधी पुलिस पर लगे आरोपों से हर कोई हैरत में
राजू परिहार
उत्तराखंड देश का एकमात्र राज्य है जहां पुलिसिंग की व्यवस्था अनोखी है। खासकर पहाड़ी अंचल में यहां अब भी खाकी वाले नहीं दिखाई देते। सिविल पुलिस के विकल्प के तौर पर इन क्षेत्रों में राजस्व पुलिस तैनात है।
राजस्व पुलिस का मतलब है पटवारी, लेखपाल और कानूनगो से जो राजस्व वसूली के साथ ही पुलिस का काम काज भी देखते हैं। अपनी तरह की यह अनोखी व्यवस्था अंग्रेजों के समय से चली आ रही है। इसे गांधी पुलिस व्यवस्था भी कहा जाता है। हाथ में बिना लाठी-डंडे के तकरीबन गांधी जी की ही तरह गांधी पुलिस के जवान देश आजाद होने और राज्य अलग होने के बाद भी अब तक उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय भूभाग में कानून-व्यवस्था का दायित्व आज भी संभाले हुए हैं। गांधी पुलिस का ऐसा रूप भी हो सकता है जो हमें सोचने को मजबूर करता है—
गज
रविवार को अल्मोड़ा जनपद के धौलछीना क्षेत्र के कुनखेत निवासी सोबन सिंह की मौत का मामला सोशल मीडिया में लगातार गरमाता जा रहा है। लोग लगातार न्याय की माँग को लेकर अपील करते नज़र आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मृतक गुजरात में प्राइवेट नौकरी करता था। वह सात मई को गांव लौटा था। 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन पर रहा। 21 मई को उसका होम क्वारंटाइन पूरा हुआ था। इसके बाद से ही वह परिजनों के साथ रह रहा था। मृतक का एक दस साल का बेटा और एक सात साल की बेटी है। मामला था कि भैसियाछाना ब्लाक के कुनखेत गांव निवासी सोबन सिंह (38) पुत्र हयात सिंह पर घरेलू हिंसा का मामला चल रहा था। मृतक की पत्नी की शिकायत पर शनिवार को राजस्व पुलिस ने युवक को घर से हिरासत में लिया था। शनिवार रात करीब 10.30 बजे पटवारी चौकी पल्यूं में हिरासत में लिए युवक की तबीयत खराब होने पर उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धौलछीना लाया गया। रात करीब 11.30 बजे उपचार के दौरान युवक ने दम तोड़ दिया। सूचना पर अस्पताल पहुंचे परिजनों का आरोप है कि राजस्व उपनिरीक्षक की पिटाई की वजह से युवक की मौत हुई है। मृतक के परिजनों ने राजस्व पुलिस पर कई तरह के आरोप भी लगाए थे। लोगों ने मृतक के शरीर में गहरी चोटों के निशान होने के बाद आरोप लगाया कि हिरासत के दौरान सोबन सिंह के साथ कुछ अनहोनी हुई है। जिसके चलते उसकी मौत हुई है। इस बीच सोशल मीडिया में भी कई तस्वीरें वायरल हुई जिसमें प्रशासन पर आरोप भी लगने शुरू हो गए। तस्वीरों के वायरल होने के बाद उपजिलाधिकारी ने पटवारी को निलंबित कर दिया, एसडीएम ने बताया कि निलंबित पटवारी राजेश आर्या को लमगड़ा तहसील में अटैच कर दिया गया है। मामले में मजिस्ट्रेरियल जांच के आदेश दे दिए गए है।
मृतक की पत्नी के अनुसार—
सोंबन सिंह पुत्र हयात सिंह के खिलाफ उनकी पत्नी ने घरेलू झगड़े के कारण हमारे क्षेत्र के पटवारी श्री राजेश आर्य को शिकायत दर्ज करवाई उसके बाद पटवारी जी व राजस्व पुलिस कर्मी द्वारा 30.05.2020 को सायंकाल 7.00 बजे सोबन सिंह को उसके घर हिरासत में लेकर अपनी कस्टडी में लेकर पटवारी चौकी पल्यू ले गए। घर वालों को आश्वासन दिया गया कि कल सुबह हम इसको समझा भुजाकर घर भेज देंगे। यहाँ से ले जाने के बाद रात्रि मे सोबन सिंह को इतने बेरहमी से पीटा गया कि उसके प्राण उड़ गए। उसके शरीर मे मार के काले व नील दाग स्पष्ट रूप से दिख रहे है। उन्होंने बताया कि रात्रि 2.00 बजे उनके परिजनों को फोन पर बताया गया कि सोबन की तबीयत खराब है। उसके बाद सुबह जब परिजन धौलछीना पहुचे तो सोबन सिंह मृत्य पाया गया। उन्होंने खुद स्थानीय लोगों साथ मिलकर प्रशासन से उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच करने और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की मांग की है।
“इस मामले में पटवारी ने कई बात हमसे छुपाई। मामले की ठीक जानकारी नहीं दी। लापरवाही पर पटवारी को निलंबित कर दिया है। होमगार्ड और पीआरडी जवान पर भी कार्रवाई की जायेगी। मामले की मजिस्ट्रेटी जांच भी शुरू कर दी है।”
‐———-सीमा विश्वकर्मा, एसडीएम अल्मोड़ा
अब देखने वाली बात यह है कि किसकी बात में कितनी सच्चाई है इसका फ़ैसला तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पायेगा। बताया गया कि प्रशासन के अधिकारियों और मृतक के परिजनों के बीच हुई वार्ता हुई। जिसमें अधिकारियों ने मामले की मजिस्ट्रेटी जांच करने का भरोसा मृतक के परिजनों को दिया गया। इधर परिजनों ने डीएम को पत्र लिखकर मामले में दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है। मजिस्ट्रेटी जांच के बाद जिला प्रशासन द्वारा गांधी पुलिस की जांच मित्र पुलिस को सौंप मामले पर बड़ी कार्यवाही की जा सकती है।