पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result

Home हेल्थ

एक्सक्लूसिव : पुलिस ने ऐसे निपटा दी जांच, कि आये न किसी पर आंच। केस डायरी से फर्जीवाड़े का खुलासा

August 21, 2019
in हेल्थ
ShareShareShare
Advertisement
ADVERTISEMENT

भूपेंद्र कुमार 

किसी अपराध में पुलिस की जांच किसी केस को खोलने और अपराधी को सजा दिलाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन तब क्या किया जाए जब पुलिस जांच ही न करें और फर्जी ढंग से कागजों में ही जांच दिखाकर केस डायरी भरने लगे। ऐसे में तो अपराधी का छूटना तय ही है।

एक अपराध के सिलसिले में जब पुलिस ने जांच की तो सूचना के अधिकार में पुलिस के विवेचकों की फर्जीवाड़े से भरी जाँच का बड़ा चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

वर्ष 2006 में संजीवनी नर्सिंग होम की डॉ बीना नेगी के खिलाफ एक मरीज का भ्रूण खराब करने एवं मरीज की जान लेने की कोशिश के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसकी जांच पुलिस ने बेहद लापरवाही सेे की और आरोपियोंं को दोषमुक्त मानते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।

पुलिस ने अपनी जांच दौरान अपनी केस डायरी के पर्चा नंबर 11 पर 20 अप्रैल 2008 को लिखा है कि विवेचक महिला चिकित्सालय गया और वहां पर डॉ नूतन भट्ट मौजूद मिली जिनमें मुकदमा के संबंध में बयान लिए जाते हैं जब सूचना के अधिकार में जानकारी मांगी गई तो पता चला कि अप्रैल 2008 को कार्यालय का अवकाश था और उस दिन रविवार होने के कारण कार्यालय बंद था। साथ ही आरटीआई में यह भी सूचना मिली की डॉ नूतन भट्ट तो महिला चिकित्सालय में मौजूद ही नहीं थी, बल्कि वह उस दौरान उपार्जित अवकाश पर चल रही थी।

 

इसी पर्चे में यह भी लिखा है कि विवेचना अधिकारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला महिला चिकित्सालय के कार्यालय पर आए और उनके 20 अप्रैल 2008 को बयान दर्ज किए गए जब यहां भी आरटीआई लगाई गई तो जवाब मिला कि 20 अप्रैल को रविवार था और उस दिन कार्यालय बंद रहता है तथा चिकित्सा अधीक्षका मुख्यालय पर उपस्थित थी ना कि कार्यालय पर। ऐसे भी साफ हो जाता है कि जांच अधिकारी ने अपनी जांच में कैसे उनके बयान दर्ज करने दिखा दिए !

 

जांच अधिकारी की एक और कारस्तानी देखिए कि वह पर्चा नंबर 12 में अंकित करता है कि डॉ पी डिमरी के बयान लिए गए और डॉक्टर पी डिमरी अस्पताल  में मौजूद मिले डॉक्टर स्त्री है या पुरुष विवेचक को ज्ञान नहीं है किंतु पर्चे में विवेचक ने जो बयान दर्ज किए है वह डॉक्टर एसडी सकलानी के हैं।।

ऐसे में जांच क्या और कैसे की गई होगी समझा जा सकता है !

जाहिर है कि जांच अधिकारी ने यह सारे पर्चे रविवार छुट्टी के दिन ही चुनकर उनके कार्यालय में बयान लेने दर्शाए हैं जो कि अपने आप में पूरी विवेचना को ही दूषित करते हैं साथ ही इस तरह की कूट रचना मे अभियुक्त को बचाने का षड्यंत्र नजर आता है।

इसी तरह से 30 मार्च 2008 को विवेचक योगेन्द्र सिंह ने पर्चा नंबर 10 में लिखा है कि दिनांक 30 मार्च 2008 के पर्चे में तारीख वाली जगह पर कटिंग की है और पर्चा नंबर 9 पर 12-01- 2008 की तारीख लिखी है तथा कटिंग की है।। साथ ही लिखा है कि रिपोर्ट 12-01- 2008 को प्रेषित की जा चुकी है जबकि 12-01-2008 को कोई पर्चा ही नहीं कटा था। यही नहीं जांच अधिकारी ने 30 मार्च 2008 को सीएमओ कार्यालय से एक पत्र लेने की बात अपनी जांच में लिखी है लेकिन आरटीआई में सीएमओ कार्यालय ने जवाब दिया है कि 30 मार्च 2008 को रविवार था और उस दिन राजकीय अवकाश होने के कारण कार्यालय बंद था फिर अहम सवाल यह है कि जांच अधिकारी आखिर अपनी जांच में क्यों लिखता है कि उसने सीएमओ कार्यालय से उस दिन कोई पत्र प्राप्त किया !

एक और महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि जांच के दौरान पर्चा नंबर 7 के बाद सीधे पर्चा नंबर 9 है।

अहम सवाल यह है कि जांच अधिकारी ने पर्चा नंबर 8 क्यों नहीं काटा !

साथ ही पर्चा नंबर 9 में पिछले पर्चे की दिनांक और पर्चा नंबर का स्थान रिक्त छोड़ा गया है तथा रिक्तियां माननीय न्यायालय तक भी रिक्त रही है यह या तो विवेचक की घोर लापरवाही को दर्शाता है अथवा इसमें भी कोई षडयंत्र नजर आता है।

एक और तथ्य देखिए की 11 दिसंबर 2007 को जांच अधिकारी जीतो कांबोज पर्चा नंबर 7 में सीएमओ को लिखती है कि वह निष्कर्ष प्राप्त करने आई है और अभी टीम गठित नहीं की गई है जबकि टीम का गठन तो 31 अक्टूबर 2007 को ही किया जा चुका था तथा उस टीम ने 23 नवंबर 2007 को जांच पूरी कर ली थी किंतु या तो विवेचक को इसकी जानकारी नहीं थी अथवा यह बात जानबूझकर विवेचक ने छुपा कर रखी जबकि हकीकत यह है कि जांच समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट एसएसपी देहरादून को भेजी जा चुकी थी।

इस अपराध के प्रकरण की पहली जांच एएसआई गजेंद्र सिंह ने की और उसके बाद सब इंस्पेक्टर जीतो कांबोज ने तथा इसके बाद सब इंस्पेक्टर योगेंद्र सिंह ने की इन तथ्यों को देखकर साफ लग रहा है कि पुलिस के विवेचक किस तरह से जांच में फर्जीवाड़ा करके अपराधियों को बचाने का काम करते हैं।

इन विवेचकों द्वारा आज तक जितने भी मामलों की जांच की गई है उन सब की भी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए उनमें भी इन्होंने कहीं ऐसे ही फर्जीवाड़े ना किए हो।

अब इस मामले की शिकायत इस संवाददाता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पुलिस महानिदेशक से लेकर पुलिस शिकायत प्राधिकरण एवं अन्य जगह पर भी की है देखना यह है कि इस फर्जी जांच को करने वाले जांच अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही होती है।


Previous Post

एक्सक्लूसिव: अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कड़क निर्देश, क्या अड़ियल घोड़े पकड़ेंगे रेस !!! 

Next Post

"भरतू की ब्वारी" के लेखक नवल को सोशियल मीडिया सम्मान से नवाजा

Next Post

"भरतू की ब्वारी" के लेखक नवल को सोशियल मीडिया सम्मान से नवाजा

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • उत्तराखंड के फिल्म उद्योग के संबंध में सीएम धामी जी और जेएसआर समूह के संस्थापकों के बीच बातचीत
  • दर्दनाक हादसा: गहरी खाई में गिरी कार। दो लोगों की मौके पर मौत
  • दु:खद हादसा- गौरीकुंड के पास हेलीकॉप्टर क्रैश, 23 माह के बच्चे समेत 7 की मौत
  • संस्कृति, संगीत और आध्यात्म कला महोत्सव नशा मुक्ति उत्तराखंड अभियान का शुभारंभ  कल श्रीनगर गढ़वाल में ::राजयोगिनी पी. के. चंद्रिका दीदी
  • वूमेन स्टेट मल्टी डे चैलेंजर्स ट्रॉफी के दो मुकाबले शुरू। जानिए खास बात ..
  • Highcourt
  • इनश्योरेंस
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
« May    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!