पुरोला। 25 नवम्वर (स ह)
नीरज उत्तराखंडी
रवांई घाटी के रामा सिरांई एवं कमल सिरांई तथा बनांल पट्टी 52 गांव का सबसे बड़ा राजकीय मेला देवलांग महापर्व सम्पन्न हो गया।
क्षेत्र के आराध्य देव राजा रघुनाथ के गैर मंदिर प्रांगण में मंगसीर बग्वाल दिवाली के दिन 23–24 नवंबर को लगता है।
देवलांग 65 गांव के आराध्य राजा रघुनाथ महासू का देवलांग मेला मंगसीर बग्वाल 23-24 नवंबर को गैर गांव में लगता है। जिसमें
देवदार वृक्ष की सबसे बड़ी मशाल जलाई जाती है। गैर बनाल में आयोजित होने वाले इस मेले में साठी-पानशाही थोकों के लोग देवदार के विशालकाय वृक्ष पर लकड़ियां बांधकर मंदिर प्रांगण में खड़ा करके उस पर आग जलाते हैं एवं अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक मेले को देखने को रवांई, जोनपुर जौनसार,बाबर समेत दूर-दूर से लोग भारी संख्या में आते हैं।
रवांई घाटी की समृद्धि व विशालता की अनूठी परंपरा तथा संस्कृति को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने देवलांग मेले को राजकीय मेले का दर्जा दिया है।
स्थानीय युवा आशीष उनियाल,कुलदीप रावत एवं नीरज चौहान आदि का कहना है की देवलांग मेले को लेकर इस वर्ष लोगों में विगत वर्षों से अधिक उत्साह देखने को मिल रहा है।