नीरज उत्तराखण्डी/उत्तरकाशी
साहब! में जिंदा हूँ! ‘रतन’ को पेंशन पाने के लिए करने पड़ रहे कई ‘जतन’
जी हां ! ऐसा ही अजब गजब किस्सा मोरी ब्लाक के सटूडी गांव निवासी दिव्यांग रतन सिंह का है जिसे तहसील और समाज कल्याण विभाग ने कागजों में मृत दिखाने की वजह से पेंशन योजना से वंचित होना पड़ा । और जिला अधिकारी के समक्ष जा कर कहना पड़ा ‘साहब मैं जिन्दा हूँ ‘ मेरी पेंशन लगवा दो।
जिला अधिकारी डा आशीष चौहान ने मामले को गम्भीरता से लिया और तीन सदस्यीय टीम बना कर जांच के आदेश दिए हैं ।
जनपद उत्तरकाशी के सीमांत विकास खण्ड मोरी के ग्राम सटूडी के दिव्यांग रतन को जिंदा होने पर भी कागजों में मृतक दिखाने की वजह से पेंशन नहीं मिल पा रही है ।
समाज कल्याण और तहसील मोरी की इस घोर लापरवाही का खुलासा तब हुआ जब दिव्यांग रतन सिंह निवासी सटूड़ी डीएम से पेंशन की गुहार लगाने जिला मुख्यालय उत्तरकाशी जा पहुंचे ।
बताया जा रहा है पिछले तीन महीने पूर्व भी पीड़ित परेशान दिव्यांग रतन सिंह पुत्र रघुवर सिंह डीएम के पास पेंशन की गुहार लगाने गये लेकिन अब रिकॉर्ड से पता चला है कि उसे कागजों में मृतक घोषित कर दिया है।
डीएम ने मामले को गंभीरता से लिया है और सबंधित विभाग से इस मामले में संपूर्ण जांच को कहा है।
इस पर एक कमेटी बनाकर जांच कराए जाने की बात भी डीएम डॉ. आशीष चौहान ने कही है।
बतातें चलें कि दिव्यांग रतन सिंह पुत्र रघुवर सिंह को कागजों में मृतक बताया गया है। पेंशन पाने के लिए कई जतन कर चुके रतन सिंह आखिर डीएम से मिलने जिला मुख्यालय उत्तरकाशी जा पहुंचे और अपने जिंदा होने के साक्षात प्रमाण देकर कहा साहब मैं जिन्दा हूँ! मेरी पेंशन लगवा दो।