कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के नैनीताल में सात संदिग्ध युवक़ों के प्रवेश मामले में पर्वतजन की खबर के बाद सरकारी ठेकेदार और पुलिस विभाग सामने आए। सभी सात लोग कोरोना से बचाव के लिए नए कवेरेंटाइन वार्ड बनाकर रानीबाग से लौट रहे थे।
मामले के अनुसार आज तड़के सवेरे कुछ लोग नैनीताल के मल्लिताल में पैदल तेजी से जाते हुए नजर आए। इन सभी लोगों के पीठ पर बैग टंगे थे और एक युवक तो हाथ में गैस का चूल्हा ले जाता भी दिखा। इन सभी लोगों ने अपने मुंह गमछे से ढक रखे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि ये लोग सुनसान ठण्डी सड़क के रास्ते नयना देवी मंदिर पहुंचे और फिर संदिग्ध तरीके से दो दलों में बंट गए। इन लोगों ने प्रत्यक्षदर्शी से रु-कुट कम्पाउंड का रास्ता भी पूछा था। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया था कि उन्होंने सवेरे जब इनसे मंदिर के सामने, नैनीताल आने का कारण और जगह पूछी तो इन्होंने कहा कि वो रानीबाग से आ रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि पैदल आए लोग बाहरी दिख रहे थे। दो लोग फ्लैट्स पार्किंग तो पांच लोग राजभवन रोड से मस्जिद चौराहे पहुंचे। इसके बाद दूसरे सी.सी.टी.वी.कैमेरे में ये सब एक कतार में तेजी से फायर ब्रिगेड कार्यालय होते हुए हाई कोर्ट मार्ग पर जाते दिखे थे। हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र में संक्रमित जमाती मिलने के बाद काफी बड़े क्षेत्र को सील कर लोगों को होम कवेरेंटाइन किया गया था।
आज पर्वतजन में खबर छपने के बाद सरकारी ठेकेदार प्रमोद नारायण कुलौरा सामने आए और उन्होंने बताया कि ये लेबर जिलाधिकारी के कहने पर रानीबाग स्थित एच.एम.टी.फैक्ट्री में कवेरेंटाइन वार्ड बनाने गए थे। काम खत्म होने के बाद ये वापस अपने घर नैनीताल लौट रहे थे। इनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है। उनका कोरोना टैस्ट के साथ सैनिटाइज भी कराया गया है। मामला सिमटने के बाद पुलिस ने भी राहत की सांस ली है।