एसजीआरआर विश्वविद्यालय में 34 विषयों के लिए पीएचडी प्रवेश परीक्षा सम्पन्न।देशभर से 140 विद्यार्थियों ने दी परीक्षा

देहरादून,  सितंबर 2025।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (SGRR University) में सोमवार को पीएचडी प्रवेश परीक्षा (PhD Entrance Exam) का सफल आयोजन हुआ। इस परीक्षा का आयोजन कुल 34 विषयों में किया गया, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आए 140 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। विश्वविद्यालय परिसर में परीक्षा के दौरान गंभीर और शैक्षणिक माहौल देखने को मिला।

विश्वविद्यालय अध्यक्ष का संदेश: “गुणवत्तापूर्ण शोध हमारी पहचान”

विश्वविद्यालय के माननीय प्रेसीडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने कहा—

“गुणात्मक रिसर्च ही किसी भी विश्वविद्यालय की असली पहचान होती है। हमारी प्राथमिकता है कि एसजीआरआर विश्वविद्यालय में किए जाने वाले शोध कार्य न केवल अकादमिक स्तर पर, बल्कि समाज और राष्ट्र के हित में भी उपयोगी सिद्ध हों। हमारा लक्ष्य है कि यह विश्वविद्यालय अपने शोध कार्यों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाए।”

कुलपति ने बताया शोध गतिविधियों का विज़न

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.) कुमुद सकलानी ने कहा कि—

“विश्वविद्यालय में उच्चस्तरीय शोध को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि यहाँ से ऐसे शोध निकलें, जिनसे उत्तराखंड सहित पूरे देश और वैश्विक समाज को लाभ मिले।”

चयन प्रक्रिया: लिखित परीक्षा के बाद इंटरव्यू

रिसर्च डीन डॉ. अशोक सिंह भंडारी ने जानकारी दी कि इस बार कुल 140 प्रतिभागियों ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा दी।

  • लिखित परीक्षा (RET) में सफल अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लिया जाएगा।
  • इसके बाद मेरिट लिस्ट के आधार पर ही अंतिम चयन किया जाएगा।
  • उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया केवल उन्हीं विद्यार्थियों को शोध के अवसर देने के लिए बनाई गई है, जिनमें गुणवत्ता, शोध क्षमता और अकादमिक प्रतिबद्धता हो।

परीक्षा संचालन में टीम का योगदान

परीक्षा के सफल संचालन में—

  • परीक्षा केंद्र अधीक्षक डॉ. सोनिया गम्भीर
  • उप केंद्र अधीक्षक डॉ. प्रदीप सेमवाल, डॉ. मोनिका बंगारी, डॉ. नवीन गौरव, डॉ. रेखा ध्यानी
  • अनुभाग अधिकारी विरेंद्र सिंह गुसाईं, गणेश कोठारी, ज्योति नेगी और भारत जोशी

का विशेष योगदान रहा।

एसजीआरआर विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा न केवल विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक अवसर है, बल्कि यह विश्वविद्यालय की उस प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है, जिसके तहत यहां गुणवत्तापूर्ण और समाजोपयोगी शोध को प्राथमिकता दी जाती है।

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