उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र और अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर उत्तराखंड की नदियों में चुगान और खनन करने की जेसीबी और पोकलैंड से परमिशन दे दी है।
यह परमिशन कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की आड़ में दी गई है।
खनन मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास है और इसके सर्वे सर्वा सुपर सीएम ओम प्रकाश है। इन दोनो ने नियम कायदे और पर्यावरण मानक ताक पर रख दिए हैं।
यह है लूट का फरमान
कल शाम को अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश में खनन निदेशक सहित सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि वर्तमान में चुगान कार्य करने के लिए श्रमिक उपलब्ध नहीं है, इसलिए श्रमिकों के साथ मशीनों का उपयोग कर खनन क्षेत्रों में जितना मर्ज़ी खनन किया जा सकता है।
खनन करने वाली लॉबी ने सरकार को समझाया कि मशीनों से जल्दी और ज्यादा मात्रा में ज्यादा खनन किया जा सकता है फिर बाकायदा पहले प्रस्ताव मंगवाया गया और फिर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पर अपनी सहमति दे दी।
पूरे देश में कहीं भी नदियों में चुगान के लिए अभी तक जेसीबी की परमिशन नहीं है, लेकिन उत्तराखंड में जीरो टोलरेंस वाली त्रिवेंद्र सिंह रावत और ओमप्रकाश सहित उनके सलाहकारों की जुगलबंदी वाली सरकार है तो यहां सब कुछ हो सकता है।
पहले भी किया लूट को वैध करने का आदेश
पाठकों को याद होगा कि जब नदियों में चुगान की परमिशन मात्र डेढ़ मीटर तक हुआ करती थी 30 जनवरी को कैबिनेट बैठक में सरकार ने धान की परमिशन 3 मीटर तक बढ़ा दी।
इससे पहले सरकार ने 12 जनवरी को खनन माफिया को तीन तरह की छूट प्रदान की थी।
पहले तो सरकार ने रिवर ट्रेनिंग के नाम पर अवैध खनन की छूट को दो माह से बढ़ाकर 4 माह कर दिया था।
दूसरा सरकार ने नदियों में जेसीबी और पोकलैंड जैसी भारी भरकम मशीनें उतारने की भी छूट दे दी थी।
तीसरा सरकार ने खनन माफिया को नदियों में जमी सिल्ट को मनचाहे ढंग से लूटने की भी खुली छूट दे दी थी।
जब जनता ने इसका विरोध नहीं किया तो फिर दो कदम और आगे बढ़ते हुए सरकार ने नदियों में चुगान की सीमा को डेढ मीटर से बढ़ाकर तीन मीटर कर दिया।
पर्वतजन के पाठकों को याद होगा कि जब खनन की सीमा केवल डेढ़ मीटर थी, तब भी खनन माफिया ने अवैध खनन करते हुए कई नदियों के किनारे के पुल तक खोद डाले थे। किंतु सरकार ने इसका कोई संज्ञान नहीं लिया। उल्टा खनन माफिया को यहां भी छूट दे दी थी कि वह पुलों के 100 मीटर दायरे तक भी खनन कर सकता है।
लूट को सरकारी आदेश के जरिए किया वैध
अब सरकार ने चुगान के लिए सीधे ही जेसीबी और पोकलैंड जैसे मशीनें उतारने की अनुमति दे दी है। प्रदेश की जनता अपने संसाधनों की लूट पर जितना चुप्पी साधे रहेगी, उतना ही यह लुटेरे खनन माफिया की गोद में बैठ कर अपना घर भरते रहेंगे।
अब यह जनता पर निर्भर करता है की वह इसका कितना विरोध अथवा मौन समर्थन करती है।