*रिपोर्ट कार्तिक उपाध्याय* *पर्वतजन कुमाऊँ हल्द्वानी*
वैसे तो बरसात का मौसम है झोपड़ीयों से पानी टपकना तो आम बात है,लेकिन केंद्रीय उपभोक्ता भंडार की हल्द्वानी स्थित बिल्डिंग ना सिर्फ लीकेज है बल्कि ऐसी जर्जर अवस्था में है की छतों का मसाला तक नीचे आ चुका है और छत को मजबूत रखने वाली सरिया नजर आने लगी है ।
अब ऐसे में केेंद्रीय उपभोक्ता भंडार में मौजूद ना सिर्फ सरकारी दस्तावेजों के नष्ट होने का खतरा बना हुआ है बल्कि उक्त कार्यालय में कार्यरत 5 से 6 कर्मचारी जो वहां रहते हैं उनकी जान का भी खतरा बना हुआ है ।
लगातार बारिश को देखते हुए जब इस संदर्भ में पर्वतजन द्वारा उक्त भंडार के जिम्मेदार अधिकारी पन्ना लाल (सचिव) से बात हुई तो उन्होंने कहा कि बिल्डिंग सड़क के किनारे है जिसके लिए नगर निगम को सूचित किया गया,परंतु नगर निगम ने उन्हें मरम्मत कराने की परमिशन नहीं दी । एम
साथ ही इसकी जानकारी खतरे को देखते हुए शहर की नगर मजिस्ट्रेट महोदया को भी उपलब्ध करा दी गई है ।
पन्नालाल जी से इस संबंध में लिखे गए कागजों के दस्तावेज मांगे गए जो कि अब तक पर्वतजन को उपलब्ध नहीं हो पाए हैं ।
अब ऐसे में देखना होगा कि क्या जिम्मेदार विभाग अपनी जिम्मेदारी समझेगा और खतरे में पड़े कर्मचारियों की जान एवं महत्वपूर्ण दस्तावेजों को संभालने बचाने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता भंडार हल्द्वानी से हो रहे संचालित इस कार्यालय को अन्य जगह शिफ्ट करेगा ।
साथ ही आपको यह भी मालूम हो कि उक्त बिल्डिंग में पूर्व में एक बैंक भी था जिन्होंने इस खतरे को देखते हुए अपने बैंक को केंद्रीय भंडार की बिल्डिंग से अन्य जगह पहले ही शिफ्ट कर दिया गया है।
साथ ही केंद्रीय भंडार के सचिव पन्नालाल कहते हैं,हमने कई बार नीचे के दुकानदारों को भी बिल्डिंग खाली करने के लिए बोला हुआ है ताकि वह अपना कार्यालय वहां शिफ्ट करें लेकिन वह दुकानें खाली नहीं करते ।
अब एक बड़ा सवाल यह भी है कि सचिव के कहने के बाद भी आखिर क्यों दुकान संचालित करने वाले लोग दुकान खाली नहीं कर रहे,इसे एक तरह का जोर-जबर्दस्ती के साथ किया गया अतिक्रमण भी कहा जा सकता हैं हालांकि विभाग ने यह बताया किराया वह समय से दे रहे हैं।
उम्मीद है जल्द ही विभाग इस संदर्भ में कोई फैसला लेगा और जिम्मेदार मंत्रालय भी इसको देखते हुए संज्ञान में लेकर जल्द कुछ कार्रवाई करेगा।