पुरोला ।
नीरज उत्तराखंडी
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल से जल को अमलीजामा पहनाने में विभागीय अधिकारी पलीता लगाने को आमदा है ।
हर परिवार को स्वच्छ पेयजल मुहैया करने के सरकार के सपनों पर विभागीय अधिकारी ही पानी फेर रहे है जो निविदाओं के नियमों को ठेंगा दिखाकर अपने चहेते ठेकेदार को ठेका दिलाने के आरोप से घिरे है।
मामला जनपद उत्तरकाशी के विकास खंड मोरी के ग्राम पंचायत कासला से छानी तोक तक पेयजल लाइन निर्माण के लिए आमंत्रित की गई निविदा में गड़बड़ी किए जाने का प्रकाश में है। जहां 41 लाख 50 हजार की लागत से पेयजल लाइन का निर्माण किया जाना है।
आरोप है कि जल संस्थान के अधिकारियों व कर्मचारियों ने निविदा नियमों की अनदेखी कर जिस ठेकेदार के नाम निविदां के नियमानुसार निर्माण कार्य का ठेका मिलना था उसे निर्माण कार्य का ठेका न देकर निर्माण कार्य का बाॅड दूसरे ठेकेदार के नाम कर दिया ।
मामले में पीड़ित ठेकेदार विजय सिंह ने सीएम पोर्टल पर शिकायत कर निविदा निरस्त कर जांच की मांग की है। उनका आरोप कि ऑनलाइन निविदा उनके नाम से खुली है लेकिन बॉन्ड दूसरे ठेकेदार के नाम किस आधार पर किया ।यदि उनके दस्तावेज पूर्ण नही थे तो निविदा ऑनलाइन ही निरस्त कर देनी चाहिए थी, वही जिन के नाम बॉन्ड हुआ उन के स्पोर्ट में किसी के भी दस्तावेज पूरे नहीं थे।
इस संबंध में जल संस्थान के सहायक अभियंता देवराज सिंह तोमर का कहना है कि जिस ठेकेदार को निविदां के नियमानुसार पेयजल लाइन के निर्माण कार्य दिया जाना था बांड के दौरान उनके अनुभव प्रमाण पत्र संबंधित दस्तावेज पूर्ण न होने के कारण दूसरे ठेकेदार के नाम बांड कर दिया गया। जो निविदा नियमों के अनुसार ही हुआ है।