जगदम्बा कोठारी
मोदी सरकार की महत्वकांक्षी ‘स्वच्छ भारत मिशन योजना’ के तहत शौचालय निर्माण प्रोत्साहन राशि भुगतान में आए दिन नए-नए घोटाले सामने आते रहे हैं। अब इस बार अल्मोड़ा जनपद से एक बड़ा मामला सामने आया है जहां प्रधान जी एवं व जल विभाग ग्रामिणों की “लैट्रिन” खा गए। ग्राम प्रधान (पूर्व) एवं स्वजल विभाग ने गरीब एंव मजदूर वर्ग के ग्रामीणों की 5 लाख से अधिक की राशि का गबन कर लिया।
अल्मोड़ा जनपद के सल्ट विकासखंड में एक बड़ा शौचालय निर्माण घोटाला उजागर हुआ है। इसमें 22 लोगों की शौचालय प्रोत्साहन राशि को अभ्यर्थियों के बजाय अन्य गांवों के दूसरे लोगों के खाते में डाल दी गई और आधे दर्जन से अधिक ग्रामीणों की शौचालय निर्माण की राशि को पूर्व प्रधान के व्यक्तिगत खाते में डाला दिया गया। पूरे प्रकरण की शिकायत खंड विकास कार्यालय सल्ट ने स्वजल परियोजना निदेशक से भी की है।

अल्मोड़ा जनपद के विकासखंड सल्ट की ग्राम पंचायत रणथमल में पूर्व ग्राम प्रधान एवं स्वजल विभाग की मिलीभगत से शौचालय प्रोत्साहन राशि वितरण में बड़ा घपला सामने आया है।
विकासखंड सल्ट मे क्षेत्र पंचायत सदस्य रोहित मेहरा ने रणथमल गांव के इस भ्रष्टाचार को उजागर किया है। इस भ्रष्टाचार की पुष्टि विकासखंड कार्यालय सल्ट के द्वारा की भी जा चुकी है।
विकास खंड की जांच मे पुष्टि

मामला स्वजल परियोजना से जुड़ा है। जिसके अनुसार ग्राम पंचायत रणथमल मे ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत गांव के 42 परिवारों को शौचालय निर्माण हेतु प्रोत्साहन राशि के लिए चयनित किया गया था।



