नौजवानों को रोजगार देने में फिसड्डी साबित हुई त्रिवेन्द्र सरकार
– मैं हूं उत्तराखंड में सबसे ज्यादा नौकरी देने वाला मुख्यमंत्री
रिपोर्ट- अनुज नेगी
देहरादून। प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी दर को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर त्रिवेंद्र सरकार पर हमला करते हुए बोला कि, प्रदेश ने दिन प्रतिदिन बेरोजगारी दर बढ़ती जा रही है। प्रदेश सरकार बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने में फीसड्डी साबित हुई है। वही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा मेरे कार्यकाल में उत्तराखंड में सबसे ज्यादा रोजगार दिया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अब एक बार फिर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के चार साल में सात लाख से अधिक बेरोजगारो को रोजगार देने के बयान पर बड़ा पलटवार किया है। हरदा ने कहा कि, उनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा नौकरियां दी गयी है।
हरदा ने कहा कि, भाजपा अध्यक्ष, सरकारी नौकरियों को लेकर बड़ी-बड़ी फेंक रहे है। मैं, उनको नौकरियों के मामले में आईना दिखाना चाहता हूं कि भाजपा कहां पर खड़ी है। स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल में 17,000 लोग स्थाई और अस्थाई नौकरियों में रखे। मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी व निशंक के कार्यकाल में कुल मिलाकर 9000 के करीब लोगों को स्थाई या अस्थाई नौकरियां मिली। विजय बहुगुणा के कार्यकाल में विधानसभा में कुछ पद निकले और लोगों को नौकरियां मिली।
हरदा ने कहा कि उनके कार्यकाल में 32,000 युवाओं को सरकारी, अर्द्ध सरकारी संस्थाओं में नौकरियां मिली, जिनमें स्थाई, अस्थाई व संविदा धारक सम्मिलित हैं। यदि इस कार्यकाल में नियुक्त हुये शिक्षा प्रेरक, महिला समाख्या व मानदेय आधारित नियुक्ति वाली दाइमाओं को भी सम्मिलित कर लिया जाय तो यह संख्या 40,000 को पार कर जायेगी।
हरदा ने कहा कि गौर करने का विषय है। त्रिवेंद्र सिंह के कार्यकाल में कुल जमा 3,100 पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है, जिनमें से अधिकांश प्रारंभिक चरण में हैं और कुछ पदों पर परीक्षा हुई है। जिनके अभी परिणाम आने अपेक्षित हैं। यदि भाजपा के माननीय अध्यक्ष हौसला रखेंगे तो मैं, अपने कार्यकाल के 40,000 के विभाग वार ब्यौरे को भी सार्वजनिक करने को तैयार हूं।
आपको बता दें कि, कुछ समय पहले के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा था कि, भाजपा शासन में चार वर्ष में सात लाख से अधिक बेरोजगारो को रोजगार मुहैया कराया गया है। इसमे नियमित रोजगार 16 हजार, आउटसोर्सिंग या अनुबंधात्मक रोजगार 1 लाख 15 हजार व स्वयं उधमिता या प्राइवेट निवेश से 5 लाख 80 हजार लोगो को रोजगार दिया गया।