‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में उत्तराखंड वर्ष 2018 की पिछली रैंकिंग में भी 11वें स्थान पर ही था और अभी भी वहीं अटका है, लेकिन वर्ष 2017 से तुलना करें तो उत्तराखंड की रैंकिंग दो पायदान और नीचे लुढक गयी है। वर्ष 2017 मे उत्तराखंड की रैंकिंग नौ थी।
यूपी, हिमाचल, दिल्ली मे सुधार
जबकि उत्तर प्रदेश 12वें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया है। उत्तराखंड में रैंकिंग में सुधार को लेकर बराबर चर्चा होती रहती है।
मैनेजमेंट : पिछले दो साल की बजाय चार साल पहले से तुलना
लगातार दो साल से पिछड़ने के कारण उत्तराखंड सरकार पिछली रैंकिंग न बता कर 4 साल पहले जब कभी तख्तापलट जैसे उपद्रवों के बीच उत्तराखंड की रैंकिंग 23 वें स्थान पर लुढक थी, लेकिन तब से तुलना कराते हुए मीडिया मैनेजमेंट के जरिए यह बताने की कोशिश कर रही है कि उत्तराखंड ने बहुत लंबी छलांग लगाई है, क्योंकि वर्ष 2015 में उत्तराखंड 23वें स्थान पर था और अब 2019 मे उत्तराखंड की रैंकिंग 11 वे स्थान पर आ गई है।
एक और मैनेजमेंट
मीडिया मैनेजमेंट में जोड़-तोड़ के गणित के लिए उत्तराखंड को सही बताने की भरपूर कोशिश की गई है।
हिमाचल प्रदेश वर्ष 2015 में 17वें स्थान पर था और अब सातवें स्थान पर पहुंच गया है, इसलिए हिमाचल से तुलना करते हुए यह भी बताने की कोशिश की गई है कि उत्तराखंड बेहतर प्रदर्शन करने वालों में दूसरे स्थान पर है।
एक हकीकत यह भी
जबकि हकीकत यह भी है कि वर्ष 2017 में ईज ऑफ डूइंग में उत्तराखंड की रैंकिंग नौवें स्थान पर थी, जो 2018 मे 11वें स्थान पर लुढक गई थी और 2019 में भी वहीं के वहीं 11वें स्थान पर ही अटकी हुई है।
वरना कहां जाकर अटकते !
आए दिन बंद होते जा रहे उद्योगों और निकाले जा रहे श्रमिकों के बावजूद श्रम विभाग से कोई उम्मीद ना होने और पुलिसिया दमन के डर से श्रमिक विवाद ना होने के कारण उत्तराखंड मे रैंकिंग 11 वे स्थान पर ही अटकी रही।
श्रमिक नौकरी जाने का विरोध करते तो रैंकिंग और बिगड़ती। उत्तराखंड के पर्यावरण और जलवायु ने भी उत्तराखंड की रैंकिंग को बिगड़ने नहीं दिया।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में सुधार करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।
कृपा कहां अटकी है !
उत्तराखंड में करोड़ों रुपए खर्च करके तमाम इन्वेस्टर्स मीट के बाद निवेश का माहौल नहीं बन पाया है। वर्ष 2018 में इन्वेस्टर्स मीट के बाद 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश के दावे किए गए थे, जो धरातल पर नहीं उतर पाए।
बहरहाल इज ऑफ डूइंग बिजनेस मे आंध्र प्रदेश पहले स्थान पर है उत्तर प्रदेश दूसरे और तेलंगाना जैसा नया राज्य तीसरे स्थान पर है।
यहां तक कि हिमाचल भी सातवें स्थान पर है।
आम आदमी पार्टी की दिल्ली भी 23वें से 12 वें स्थान पर पहुंच गई है। उत्तराखंड में कंस्ट्रक्शन परमिट, श्रम कानून, पर्यावरण संबंधी पंजीयन, सूचना व भूमि की उपलब्धता तथा सिंगल विंडो के मानकों पर कोई सुधार नहीं हो पाया है।