कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखंड के दुर्गम गांवों में पुल नहीं होने के कारण ग्रामीण प्रधानमंत्री योजना का राशन अपने घर तक उफनती नदी को पार कर ले जाने को मजबूर हैं । नाराज ग्रामीणों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर इस बार पुल और सड़क नहीं बना तो पूरा गांव चुनाव मतदान का बहिष्कार करेगा ।
नैनीताल जिले में गौला नदी के पार पहाड़ में बसे हैड़ाखान गांव की इन तस्वीरों को देखकर आप क्षेत्रवासियों का दर्द साफ समझ जाएंगे । पहाड़ों की तेज बरसात के कारण गौला नदी का जलस्तर काफी बड़ा हुआ है । ऐसे में गौला नदी के पार रहने वाले लोगों के सामने कई प्रकार की मुसीबतें आ रही हैं ।
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यहां के लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मजबूरी में जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं । घर को राशन ले जा रहे लोग, सिर पर कट्टे रखकर नदी पार करते हैं । गर्भवती महिला, बीमार, स्कूली बच्चे आदि हर समय खतरा मोल लेकर नदी को पार करते हैं ।
नदी के बहाव की चपेट में आकर कई लोग अपनी असमय जान गंवा चुके है । हल्द्वानी और गौलापार से लगभग 40 किलोमीटर दूर बसे हैड़ाखान और आसपास के गांवों में 800 से अधिक लोग रहते हैं । ये लोग रोजगार और अपनी जरूरत का सामान लेने के लिए हल्द्वानी आते हैं ।
इन लोगों को मोटर मार्ग के रास्ते जाने के लिए कई किलोमीटर ज्यादा पैदल जाना पड़ता है, इसलिए शार्ट कट के लिए लोग नदी को जान हथेली में रखकर पार करते हैं । पीड़ित छात्र छात्राओं का कहना है कि राज्य और केंद्र सरकार उनकी समस्या का समाधान करे ।
मतदाता ग्रामीणों का कहना है कि मोदी सरकार के दिए राशन को घर ले जाना मुश्किल है, ऐसे में अगर पुल का निर्माण नहीं होगा तो 2021 के विधानसभा चुनावों का बहिष्कार होगा । छात्राओं ने अपनी समस्या बताते हुए परेशानियों की समस्या के लिए प्रार्थना की है । ग्राम प्रधान इंद्रा देवी ने कहा कि नदी पार करना मुश्किल होता है इसलिए पुल का अविलंब निर्माण किया जाए।