प्रदेश के स्कूलों में नशा उन्मूलन का अभियान चला रही मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्टाचार निवारक समिति अपने अभियान को जारी रखते हुए आज बागेश्वर जनपद पहुंची जहां मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्टाचार निवारक समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने विवेकानन्द इण्टर कॉलेज मंडलसेरा बागेश्वर , कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल बागेश्वर एवं विवेकानन्द विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज कपकोट। के छात्र- छात्राओं से संवाद किया, उन्होंने युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए कहा कि किसी भी तरह का नशा इंसान को शारीरिक मानसिक से कमजोर तो करता ही है साथ राष्ट्रनिर्माण में भी बाधक बनता है, जिस देश का युवा नशे की गिरफ्त में होगा फिर उस देश के लिए एक समृद्ध राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने आगाह किया कि आज कुछ विदेशी ताक़तें हमारे देश के युवाओं को नशा रूपी जाल में फँसाना चाहते हैं, जिससे कि वह हमारे देश के युवाओं को उनके लक्ष्य से भटकाकर देश की जड़ों को कमजोर कर सकें। उन्होंने बताया कि आतंकवाद को सबसे ज़्यादा फंडिंग नशे के कारोबार से होती है। जाने अनजाने में नशा करने वाले युवा आतंकवाद को बढ़ावा देते है। अतः हम सब को नशा मुक्त समाज के निर्माण का संकल्प लेना चाहिये।
संवाद कार्यक्रम में तीनों स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लेकर नशे से दूर रहने का संकल्प लिया, छात्र-छात्राओं ने संवाद, कविताओं, व कहानियों के माध्यम से नशे के खिलाफ जागरूकता का संदेश दिया। एडवोकेट ललित मोहन जोशी के संवाद से स्कूली छात्र-छात्राओं बेहद भावुक हो उठे उन्होंने संकल्प लिया कि वह आगे ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे जिससे कि उनके माता-पिता को कोई तकलीफ नहीं उठानी पड़े। छात्र-छात्राओं ने कहा कि मादक पदार्थों के साथ आज के समय में मोबाइल, सोशल मीडिया भी एक नशे के रूप में उभरा है, इसकी लत को छुड़ाने के लिए भी इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए।
युवा संवाद कार्यक्रम में विवेकानन्द इण्टर कॉलेज मण्डलसेरा, बागेश्वर के प्रधानाचार्य अब्बल सिंह तोपाल, कंट्रीवाइड की प्रधानाचार्य आशा तिवारी, विवेकानंद विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज कपकोट के प्रधानाचार्य धीरेंद्र सिंह उप प्रधानाचार्य डी०एन०कांडपाल , ललित चंद्रा लोहनी, चंद्रशेखर पांडेय, सुरेश शर्मा, लक्ष्मण मार्टोलिया तथा मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्टाचार निवारक समिति की टीम से मोहित बिष्ट, योगेश चिराल, हिमांशु कांडपाल, दीवान सिंह एवं दोनों सस्थान के शिक्षक एवं कर्मचारीगण सहित 3800 से अधिक छात्र-छात्राएँ शामिल रहे।