देहरादून। सीओ दंपती नीरज सेमवाल और निहारिका सेमवाल से ब्लैकमेलिंग कर छह लाख रुपये वसूलने और एक लाख रुपये की पुनः मांग करने के आरोप में गिरफ्तार महिला पुलिसकर्मी (डॉग हैंडलर) को न्यायालय से जमानत मिल गई है। उक्त महिला को पुलिस ने 5 मई को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ सीओ निहारिका सेमवाल ने कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
मंगलवार को आरोपी महिला की जमानत याचिका पर सुनवाई पंचम अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) प्रेम सिंह खिमाल की अदालत में हुई। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता गिरीश चंद्र शर्मा और विकेश सिंह नेगी ने पैरवी करते हुए कोर्ट को बताया कि एफआईआर 4 मई को दर्ज की गई थी और गिरफ्तारी से पहले महिला के क्वार्टर में कई पुलिसकर्मी जाकर गाली-गलौज और मारपीट कर चुके हैं।
बचाव पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि अभियुक्ता का लंबे समय तक शारीरिक शोषण किया गया और उसे शादी का झांसा दिया गया। लेकिन बाद में सीओ नीरज सेमवाल ने उत्तराखंड पुलिस में ही कार्यरत सीओ निहारिका सेमवाल से विवाह कर लिया। जब यह बात महिला ने निहारिका से साझा की तो नीरज सेमवाल को आशंका हुई कि यह मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंच सकता है। इसी डर के कारण, आरोप है कि पति-पत्नी ने मिलकर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए षड्यंत्र के तहत मुकदमा दर्ज कराया।
बचाव पक्ष ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्ता एक नाबालिग पुत्र की एकमात्र संरक्षक हैं और वह न तो जमानत का दुरुपयोग करेंगी और न ही विवेचना में किसी प्रकार की बाधा डालेंगी।
वहीं, अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विवेक गुप्ता और एडीजीसी ममता मनादुली ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्ता जमानत पर रिहा होने के बाद साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकती हैं। उनके विरुद्ध गंभीर धाराओं में मामला दर्ज है, जिसमें जान से मारने की धमकी, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग और बार-बार पैसों की अनुचित मांग जैसे आरोप शामिल हैं।
अदालत ने मामले में गुण-दोष पर टिप्पणी किए बिना वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अभियुक्ता की जमानत मंजूर कर ली। कोर्ट ने आदेश दिया कि अभियुक्ता को ₹50,000 के व्यक्तिगत मुचलके और समान राशि की दो विश्वसनीय जमानतें प्रस्तुत करने पर रिहा किया जाए।