देहरादून: राज्य के सूचना महानिदेशक (DG Information) ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ चल रहे भ्रामक और झूठे प्रचार अभियान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने एसएसपी देहरादून को औपचारिक शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि कुछ लोग सुनियोजित तरीके से उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
महानिदेशक ने पुलिस को इस साजिश से जुड़े डिजिटल सबूत, स्क्रीनशॉट और व्हाट्सएप चैट्स भी सौंपे हैं।
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
सूचना महानिदेशक ने कहा कि कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स और ग्रुप्स के माध्यम से उनके खिलाफ असत्य और भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं, जो उनकी व्यक्तिगत और विभागीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह अभियान पूर्व नियोजित तरीके से एक गैंग या लॉबी सिस्टम के तहत चलाया जा रहा है, जो राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को निशाना बनाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने स्पष्ट कहा –
“मेरे खिलाफ जो अभियान चलाया जा रहा है, वह किसी असंतुष्ट समूह की साजिश है। सोशल मीडिया पर बिना प्रमाण के आरोप लगाना और अफवाहें फैलाना न केवल मेरे सम्मान के खिलाफ है, बल्कि कानून का भी उल्लंघन है।”
आईटी एक्ट और मानहानि कानूनों का उल्लंघन
सूचना महानिदेशक ने कहा कि इस तरह की गतिविधियां आईटी एक्ट की धारा 66A, 67 और भारतीय दंड संहिता की मानहानि संबंधी धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध हैं। उन्होंने मांग की है कि ऐसे अकाउंट्स और ग्रुप्स की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति सरकारी अधिकारियों की छवि खराब करने की हिम्मत न करे।
पुलिस ने जांच साइबर क्राइम सेल को सौंपी
एसएसपी देहरादून कार्यालय ने शिकायत की पुष्टि की है। पुलिस ने मामले को साइबर क्राइम सेल को जांच के लिए सौंप दिया है।
जांच अधिकारी अब यह पता लगा रहे हैं कि ये पोस्ट किन उपकरणों और लोकेशन से की गईं, ताकि दोषियों की पहचान की जा सके।
प्राथमिक जांच के बाद आईटी एक्ट और IPC की मानहानि धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।
विभाग में हलचल, पारदर्शिता के प्रयासों से नाराज थे कुछ लोग
सूत्रों के अनुसार, सूचना महानिदेशक ने हाल के महीनों में विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए कई कठोर कदम उठाए थे। इससे कुछ असंतुष्ट तत्व नाराज थे और अब वही लोग सोशल मीडिया पर झूठा प्रचार फैलाकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
“डिजिटल ब्लैकमेलिंग” का नया मामला, प्रशासन में मचा हड़कंप
प्रशासनिक हलकों में इस पूरे मामले को अब “डिजिटल ब्लैकमेलिंग और छवि गिराने की साजिश” के रूप में देखा जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आज के दौर में सोशल मीडिया अफवाहों का सबसे बड़ा हथियार बन गया है। लेकिन जब निशाना किसी वरिष्ठ सरकारी अधिकारी को बनाया जाए, तो यह सीधे शासन व्यवस्था और पारदर्शिता पर हमला माना जाता है।


