देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने औषधि निरीक्षक (ड्रग्स इंस्पेक्टर) ग्रेड-2 के 18 नए पदों पर नियुक्ति आदेश जारी कर दिए हैं। इन सभी नव नियुक्त अधिकारियों को तुरंत तैनाती भी दे दी गई है। खास बात यह है कि हरिद्वार जैसे संवेदनशील जिले में दो ड्रग्स इंस्पेक्टर तैनात किए गए हैं, जिससे नकली और घटिया दवाओं के खिलाफ अभियान को और मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी नव नियुक्त औषधि निरीक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि ये अधिकारी प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
नियुक्ति और तैनाती सूची इस प्रकार है:
- उधमसिंह नगर: निधि शर्मा, शुभम कोटलाला
- देहरादून: विनोद पंवार, निधि रतूड़ी
- चमोली: हार्दिक भट्ट
- एफडीए मुख्यालय: गौरव कुकरेती, निशा रावत
- नैनीताल: अनुजा उप्पल
- पौड़ी: सीमा बिष्ट चौहान
- हरिद्वार: नेहा, हरिओम सिंह
- रुद्रप्रयाग: अमित कुमार आजाद
- टिहरी: रिशभ धामा
- पिथौरागढ़: पंकज पंत
- बागेश्वर: पूजा रानी
- अल्मोड़ा: पूजा जोशी
- चम्पावत: हरिता
- उत्तरकाशी: मो. ताजिन
नकली दवा माफिया पर सख्ती का ऐलान
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि नए औषधि निरीक्षकों की तैनाती से राज्य में नकली और अवैध दवाओं पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ड्रग इंस्पेक्टरों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण करें और अनियमितता मिलने पर त्वरित कार्रवाई करें।
डॉ. कुमार ने बताया कि अब औषधि निरीक्षकों को आधुनिक तकनीक और डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम से भी जोड़ा जाएगा, जिससे दवाओं की गुणवत्ता पर बारीकी से नजर रखी जा सकेगी। राज्य सरकार अवैध रूप से बिक रही एंटीबायोटिक्स, पेन किलर्स और नियंत्रित दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सरकार का लक्ष्य: दवा बाजार में पारदर्शिता और गुणवत्ता
राज्य सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि गैर-कानूनी रूप से बिकने वाली, घटिया गुणवत्ता की दवाओं की बिक्री पर रोक लगे और आम जनता को सुरक्षित और असरदार दवाएं उपलब्ध हों। इन नियुक्तियों से उम्मीद है कि प्रदेश में औषधि नियंत्रण प्रणाली और अधिक मजबूत होगी।