इससे उन लोगों की राज़मर्रा की ज़रूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं। चैनल के सीईओ मनीष अग्रवाल से पूछे जाने पर उन्होने कहा कि सभी कर्मचारी हमारे परिवार के सदस्य हैं और उनका 2 महीनों का वेतन 7 दिसंबर तक दिया जाएगा।
उन्होने ये भी कहा कि सूचना विभाग ने जो विज्ञापन चलवाए हैं उनका पेमेन्ट नहीं किया है इसी वजह से साथियों को वक्त पर वेतन देने में दिक्कत आई है। मौजूदा वित्त वर्ष में उत्तराखंड सरकार के द्वारा हिन्दी ख़बर को करीब 19 लाख का विज्ञापन जारी किया गया है जिसका भुगतान अभी हुआ नहीं है. इस वजह से कर्मचारियों के वेतन भुगतान में बाधा उत्पन्न हुई है।
हिन्दी ख़बर के प्रधान संपादक से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होने साफ तौर पर स्वीकार किया है कि हिन्दी ख़बर विशुद्ध रूप से पत्रकारों के द्वारा संचालित चैनल है और इसमें किसी कॉरपोरेट हाउस या राजनीतिक दल का पैसा नहीं लगा है. इसीलिए कई बार आर्थिक दिक्कतें आती हैं, पहले भी आई हैं और आगे भी इंकार नहीं किया जा सकता।
मगर अभी पत्रकारों को वेतन नहीं मिलने का बड़ा कारण सूचना विभाग से भुगतान का ना होना ही है मगर आज यानि बुधवार दिनांक 20 नवंबर 2019 की रात्रि में सभी साथियों का पिछला भुगतान क्लीयर कर दिया जाएगा। संस्थान में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। अगर साथी कर्मचारी हमसे नहीं कहेंगे तो फिर किससे कहेंगे। इसे आपसी मतभेद या मनमुटाव के तौर पर देखा जाना सही नहीं है।
अतुल अग्रवाल ने 4 दिन पहले फेसबुक लाइव के ज़रिए ये स्वीकार भी किया था कि कंपनी में आर्थिक चक्र अवरुद्ध हो गया है और उन्होने दुख जताते हुए सरकारों से विज्ञापन का भुगतान किए जाने की अपील की थी. अतुल अग्रवाल ने कहा था कि इन दिनों पत्रकारों की वर्किंग कंडीशन अच्छी नहीं है और इसमें सरकारी तन्त्र का बहुत नकारात्मक योगदान रहा है।
हालांकि पर्वतजन से बात करते हुए कुछ लोगों ने ऑफ द रिकॉर्ड कहा है कि हिन्दी ख़बर के कर्मचारियों ने पैन डाऊन कर दिया है तो इस पर कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकी है मगर कर्मचारी बेमन से काम ज़रूर कर रहे हैं।
उधर, चैनल के प्रधान संपादक अतुल अग्रवाल पिछले 4 दिनों से कमर और पीठ दर्द से पीड़ित हैं और नोएडा के आर्थो-सर्जन डॉ. केके गुप्ता से इलाज़ करवा रहे हैं. बावजूद इसके वो और सीईओ मनीष अग्रवाल रात 8 बजे तक देहरादून पहुंच रहे हैं।