पर्वतजन की खबर का संज्ञान लेते हुए राजस्व विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग को आवंटित भूमि से अवैध कब्जा हटाने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है। आपदा प्रबंधन विभाग से 2 हेक्टेयर भूमि वापस ली गईl
पर्वतजन के सभी सम्मानित पाठकों को याद होगा कि पर्वतजन ने 23 जुलाई 2022 को प्रमुखता से एक खबर प्रकाशित की थी कि आपदा प्रबंधन विभाग को तहसील विकासनगर के झाझरा में आवंटित 5.29 हेक्टेयर भूमि में से 40 बीघा भूमि पर भू माफियाओं ने कब्जा कर लिया है। इस खबर का संज्ञान लेकर अब शासन ने अवैध कब्जों को ध्वस्त करने की कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं।
इस संबंध में वरिष्ठ भाजपा नेता और उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान ने 11 जुलाई 2022 को मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग और सचिव आपदा प्रबंधन विभाग को पत्र प्रेषित कर अवगत करवाया था कि 19 अप्रैल 2011 को राजस्व विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग को ग्राम झाझरा तहसील विकासनगर में 5.29 हेक्टेयर भूमि आवंटित की थी, जिसमें से लगभग 40 बीघा भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जा किया जा चुका है।
खबर प्रकाशित होने के बाद शासन, राजस्व विभाग और प्रशासन की नींद टूटी, और 18 जुलाई 2022 को अपर सचिव राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलाधिकारी देहरादून को आपदा विभाग की जमीन पर हो रहे इन अवैध कब्जों की जांच कर एक माह में रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी देहरादून ने 13 सितंबर 2022 को सचिव राजस्व विभाग को अपनी रिपोर्ट प्रेषित की जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ अवांछित लोगों द्वारा आपदा प्रबंधन विभाग को आवंटित भूमि पर अवैध कब्जे किए गए हैं।
जिलाधिकारी द्वारा प्रेषित रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि आपदा प्रबंधन विभाग को आवंटित 5.29 हेक्टेयर भूमि का आपदा प्रबंधन विभाग ने समुचित प्रयोग नहीं किया, इसलिए अब केवल 3.29 हेक्टेयर भूमि आपदा प्रबंधन विभाग के नाम रखी जाए और शेष 2 हेक्टेयर भूमि आपदा प्रबंधन विभाग से वापस लेकर राजस्व विभाग के नाम कर दी जाये।
इसके अलावा इस रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि आपदा प्रबंधन विभाग की भूमि पर अवैध रूप से किए गए कब्जे और अनिकेत इंडेन गैस एजेंसी के कार्यालय को ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है।
इस विषय पर जुगरान का कहना है कि शिकायत होने के बाद शासन और प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए जांच की कार्यवाही की है और अवैध कब्जा की गयी भूमि का चिन्हीकरण किया है और अवैध कब्जों को धवास्तिकारण करने का निर्णय लिया है लेकिन इन निर्णयों का पूर्ण रूप से क्रियान्वयन होने तक वे इस प्रकरण पर अपनी कार्यवाही जारी रखेंगे।
अब देखना दिलचस्प होगा कि शासन ने अवैध कब्जों का चिन्हीकरण करके उन्हें ध्वस्त करने का जो निर्णय लिया है उस निर्णय का क्रियान्वयन राजस्व विभाग कब तक करता है।