इंद्रजीत असवाल
सेलाकुई देहरादून
मामला चाहे पहाड़ो का हो या मैदानी क्षेत्रों का खनन माफिया हर तरफ से सरकार को हर साल करोड़ो रूपये के राजस्व का चूना लगाता आ रहा है ।
जिसमे प्रशासन की मुख्य भूमिका रहती है जिस प्रशासन को चोरी रोकने जिम्मेदारी दी गई है वही प्रशासन चन्द चांदी के खनकते सिक्को में अपने जमीर को बेच देता है ।
मामला प्रदेश की अस्थाई राजधानी देहरादून के सेलाकुई का है जहाँ पर इन दिनों स्वारना नदी में जमकर अवैध खनन चल रहा है सबसे अहम बात ये है कि यह अवैध खनन थाने से महज 200 मीटर दूरी पर चल रहा है ।
माफिया द्वारा नदी को 4 से 8 मीटर नीचे तक खोद दिया गया है जिसमे कि अब डम्फर व टैक्टर दिखाई भी नही देते और सम्बन्धित विभाग अपने दफ्तरों में ठंड के कारण हीटर लगाकर कुम्भकर्ण की नींद सो रहा है ।
यह खनन रोज रात्रि में चल रहा है सूत्रों की माने तो जिन स्टोन क्रेसरो के पास निजी पट्टा नही है उनके लिए यहाँ से माल सप्लाई हो रहा है ।
इस मामले में हमारे द्वारा थाना प्रभारी सेलाकुई से बात करने की कोशिश की गई तो वे कोर्ट ड्यूटी पर गए थे जिसके कारण उनका फोन नही लग पाया।
वही इस मामले में हमारे द्वारा उपजिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार जी से बात की गई उनका कहना था कि वे खनन विभाग के साथ मोके पर जाकर संयुक्त जांच करेंगे ।
अब देखने वाली बात ये होगी कि प्रशासन खबर छपने पर क्या कार्यवाही करता है या फिर जांच कहकर ही मामले को टाल देता है!