रिपोर्ट – राजकुमार सिंह परिहार
वामपंथी नेताओं की शिकायत पर बागेश्वर की जिलाधिकारी अनुराधा पाल के खिलाफ जांच के आदेश। मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड, डॉ वी षणमुगम ने कुमाऊँ कमिश्नर को दिये जांच के आदेश।
भारत निर्वाचन आयोग के ई-मेल पर दिनांक 04 सितम्बर 2023 समय 09:32 अपरान्ह को इन्देश मैखुरी अध्यक्ष, राज्य सचिव माकपा (माले) उत्तराखण्ड का शिकायती पत्र भारत निर्वाचन आयोग को भेजा गया था।
जिसमें वामपंथी पार्टियों की तरफ से कहा गया कि बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव में अनुराधा पाल के आचरण को देखते हुए, उन्हें तत्काल जिलाधिकारी पद से हटाया जाए और भविष्य में उन्हें जनता से सीधे संबद्धता वाले एवं किसी संवेदनशील पद पर ना बैठाया जाए।
आपको बताते चलें कि शिकायती पत्र में कहा गया है कि वामपंथी पार्टियों का प्रतिनिधिमंडल 01 सितंबर 2023 को बागेश्वर गया था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा जिलाधिकारी, बागेश्वर को वामपंथी पार्टियों को नियमानुसार प्रेस कॉन्फ्रेंस की अनुमति देने को कहा गया। लेकिन जिलाधिकारी, बागेश्वर और उपजिलाधिकारी, बागेश्वर द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की अनुमति देने में आनाकानी की गयी। जिलाधिकारी, बागेश्वर ने तो उल्टा प्रश्न कर डाला कि आपको अनुमति क्यों देनी चाहिए ? प्रेस कॉन्फ्रेंस की अनुमति देने के लिए यह भी लिखित में मांगा गया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बोलेंगे ?
इसके खिलाफ माकपा के राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी और भाकपा(माले) के राज्य सचिव इन्द्रेश मैखुरी द्वारा भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त और उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत भेज कर बागेश्वर की जिलाधिकारी अनुराधा पाल के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गयी।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस शिकायती पत्र पर उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गए। उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कुमाऊँ कमिश्नर को इस प्रकरण में जांच कर आख्या देने को कहा गया है। अर्थात् बागेश्वर जिलाधिकारी अनुराधा पाल के खिलाफ शिकायत की जांच अब कुमाऊँ कमिश्न आई ए एस दीपक रावत करेंगे।