रिपोर्ट – राजकुमार सिंह परिहार
बागेश्वर/ अवैध निर्माणों को लेकर प्राधिकरण ने नजरें टेढ़ी कर ली हैं। मंगलवार दोपहर एक निर्माणाधीन व्यावसायिक कॉम्पलेक्स को सील कर दिया। विभाग द्वारा “माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा PIL न 134/2023 दि 24/08/23 को पारित आदेश के अनुपालन में प्रतिवादी न7 श्री विक्रम सिंह दानू द्वारा लोक निर्माण विभाग की आवासीय कालौनी की बाउंड्री को तोड़कर अवैध मार्ग निर्माण को अग्रिम आदेश तक सील किया गया है।” का बोर्ड लगा दिया है। बागेश्वर प्राधिकरण द्वारा हाईकोर्ट के आदेश पर हुई इस बड़ी कार्रवाई से अवैध निर्माण करने वालों में हड़कंप है।
आपको बताते चलें कि बागेश्वर लोक निर्माण विभाग के आवासीय कॉलोनी में अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने एक शख्स के व्यावसायिक निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
इसके अलावा नैनीताल हाईकोर्ट ने जिला विकास प्राधिकरण और होटल स्वामी विक्रम सिंह दानू को नोटिस जारी किया है। खंडपीठ ने आगामी 5 सितंबर को लोक निर्माण विभाग बागेश्वर के अधिशासी अभियंता को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश भी दिए हैं।
दरअसल, बागेश्वर व्यापार संघ के अध्यक्ष कवि जोशी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि बागेश्वर तहसील रोड पर स्थित लोक निर्माण विभाग के आवासीय कॉलोनी के अंदर यानी पीडब्ल्यूडी की भूमि पर एक व्यक्ति की ओर से अतिक्रमण कर बृहद रूप से व्यावसायिक निर्माण किया जा रहा है।
याचिका में पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता की ओर से जिला प्रशासन को उक्त निर्माण कार्य पर रोक लगाए जाने संबंधी पत्राचार किया गया है, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका में ये भी कहा गया है कि सिंचाई विभाग बागेश्वर के नहर के ऊपर भी निजी व्यक्ति ने अतिक्रमण किया है, जिस पर रोक लगाई जाए। वहीं, जनहित याचिका में बागेश्वर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, बागेश्वर अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग बागेश्वर समेत विक्रम सिंह दानू (विवेक होटल) को पक्षकार बनाया गया है।
— चर्चा का विषय रही कार्रवाई
लंबे समय बाद प्राधिकरण की बड़ी कार्रवाई शहर में चर्चा का विषय रही। चूंकि जिस व्यावसायिक निर्माण को सील किया है। चर्चा इस बात की भी रही कि कार्रवाई उच्च स्तर से हुई है। हालांकि प्राधिकरण अधिकारी हाईकोर्ट द्वारा प्राप्त आदेश के बाद नियम विरुद्ध निर्माण के विरुद्ध प्राधिकरण की कार्रवाई बताया। साथ ही पीडब्ल्यूड़ी विभाग ने अपनी ज़मीन के अतिक्रमण को भी सील कर दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी आगे किस तरह की कार्यवाही प्रशासन द्वारा देखने को मिलती है।