उत्तरकाशी जिले के हर्षिल क्षेत्र के धराली गांव में बादल फटने की बड़ी घटना सामने आई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत और बचाव कार्य को युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
सरकार ने साफ कर दिया है कि एक-एक व्यक्ति की जान अमूल्य है और किसी भी सूरत में लापरवाही नहीं बरती जाएगी। मुख्यमंत्री ने आपात सेवाओं को छोड़कर सभी स्कूल-कॉलेज और संस्थान बंद करने के निर्देश दिए हैं।
अब तक 130 से अधिक लोगों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। सेना, SDRF, NDRF और जिला प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने आंध्र प्रदेश दौरे को तत्काल निरस्त कर देहरादून स्थित आपदा परिचालन केंद्र से सीधे पूरे अभियान की निगरानी शुरू कर दी है। उन्होंने सभी संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए।
सरकार ने प्रभावित क्षेत्र में खाने-पीने, रहने और दवाई की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। प्रभावितों को होटल व होमस्टे में शिफ्ट किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सेना से अतिरिक्त हेलीकॉप्टर और MI-17 एयरलिफ्ट ऑपरेशन के लिए आग्रह किया है। खाने के पैकेट और मेडिकल किट्स को एयरड्रॉप करने के आदेश भी दिए गए हैं।
नेटवर्क और विद्युत आपूर्ति को रात्रि में ही बहाल करने के लिए यूपीसीएल एमडी को निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही संचार व्यवस्था को भी पुनर्स्थापित करने की प्राथमिकता दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि यदि आवश्यक हो तो होटल अधिग्रहित कर प्रभावितों को तुरंत शरण दी जाए। बिस्तर, कंबल, कपड़े, खाने के पैकेट की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
धामी ने कहा कि जो लोग बेघर हुए हैं, उन्हें सरकार की तरफ से पूर्ण वैकल्पिक आवास मुहैया कराया जाएगा। यदि किसी ने अपने परिवार को खोया है तो सरकार उनके साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने तीन वरिष्ठ अधिकारियों – डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, अभिषेक रोहिल्ला, और गौरव कुमार को नोडल अधिकारी नामित किया है। साथ ही विनीत कुमार को तुरंत उत्तरकाशी में कैंप करने का निर्देश भी दिया गया है।
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे को भी शासन स्तर से आपदा के नोडल अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी दी गई है। बुधवार सुबह विभिन्न विभागों के सचिवों की टीम धराली के लिए रवाना होगी।
पीडब्ल्यूडी, जल संस्थान, ऊर्जा विभाग, स्वास्थ्य विभाग को मौके पर तैनात कर दिया गया है। डॉक्टर्स, मेडिकल टीम और दवाइयों की व्यवस्था भी की जा रही है।
पोस्टमार्टम प्रक्रिया और मुआवजा वितरण की भी तैयारी तेज कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों की मॉनिटरिंग खुद करने की बात कही है।
नेताला में अवरुद्ध मार्ग को मंगलवार रात करीब आठ बजे खोल लिया गया। इससे वहां फंसे डीएम, एसपी और राहत दल मौके के लिए रवाना हो सके।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी पीड़ित को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हर व्यक्ति की मदद सरकार की प्राथमिकता है। राहत शिविरों में हर आवश्यक सुविधा दी जाएगी।
आपदा परिचालन केंद्र में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव शैलेश बगौली, पंकज पांडे, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे सहित सभी संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।


