अनुज नेगी
कोटद्वार : जनपद पौड़ी गढ़वाल के गंगा और गंगा की सहायक नदियों से जुड़े गांव में परंपरागत जैविक खेती को बढ़ाव देने के लिए केंद्र सरकार की *नमामि गंगे* योजना में एक बड़े फर्जीवाड़ा की बू आ रही है।
जिसमे छोटे से बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से बंजर खेतों के लिए करोड़ो रुपये को ठिकाने लगाया गया है।
मामला जनपद पौड़ी गढ़वाल के द्वारीखाल ओर यमकेश्वर ब्लॉक का है,जहाँ गंगा व गंगा की सहायक नदियों से लगे गांव में परंपरागत जैविक खेती के लिए केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की महत्वकांक्षी योजना
*नमामि गंगे की करोड़ो की योजना से द्वारीखाल ब्लॉक के 40 कलस्टर ओर यमकेश्वर ब्लॉक के 115 कलस्टर बनाये गए थे जिसमें सैकड़ो गांव में जैविक खेती जागरूक व रासायनिक खादों के प्रयोग को कम करना था,जिसमे गांव के किसानों को जैविक खेती करने के लिए जैविक खाद,कृषि यत्रं और किसानों को जैविक खेती के बारे में प्रशिक्षण देना था।
मगर भ्रष्ट अधिकारियों ने जैविक खेती तो बहुत दूर इस क्षेत्र में एक पौध तक नही लगाई, जबकि यह क्षेत्र 90 प्रतिशत बंजर व सूखाग्रस्त है।
बातादें कि *नमामि गंगे योजना* के तहत लक्ष्य 2023-2024 तक पालयट प्रोजेक्ट के लिए इकोया बेंगलुरु को सहयोगी संस्था बनाया गया है।
अब देखना होगा कि इन अधिकारियों पर शासन प्रशासन क्या कार्यवाही करता है।या सिर्फ बंजर खेतो में करोड़ो रूपये ठिकाना लगाया जायेगा।