उत्तराखंड में नौकरियां को लेकर बड़े ही अजब गजब खेल सामने आ रहे हैं। या तो रोजगार मिल ही नहीं रहा या मिल भी जाए तो कभी भी कोई भी अधिकारी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा देता है।
ऐसा ही एक मामला वन विकास निगम का सामने आया। जहां वन विकास निगम के एमडी के एम राव ने अपने रिटायरमेंट से ठीक 1 दिन पहले 309 आउटसोर्स कर्मचारी को नौकरी से हटा दिया।
और उसके बाद जब मामले ने तूल पकड़ा और सीएम की ओर से हस्तक्षेप हुआ तब कहीं जाकर 309 आउटसोर्स कर्मचारी को हटाने का आदेश निरस्त किया गया।
एमडी केएम राव 31 अगस्त यानी आज रिटायर हो रहे हैं। 30 अगस्त को देर शाम उन्होंने आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि दिसंबर 2022 के बाद प्रदेशभर में वन विकास निगम के किसी भी कार्यालय में आउटसोर्स के जरिए रखे गए 309 कर्मचारीयों की सेवाएं एक सितंबर से समाप्त की जाती हैं।
पहले तो आउटसोर्स से रखे कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा कल ही का मामला है जहां डीएफओ देहरादून कार्यालय में उपनल कर्मचारी को वेतन ना मिलने और एक कर्मचारी के जहर खाने का मामला सामने आया था। और अब वेतन देने की जगह रोजगार ही छीन लेने की कोशिश की गई।
हालांकि अभी बागेश्वर में उपचुनाव भी चल रहे हैं तो सवाल यह भी खड़ा होता है कि कहीं उपचुनाव को देखते हुए ही तो इन्हें निकालने के आदेश को निरस्त नहीं किया गया।
कहीं ऐसा तो नहीं की उपचुनाव खत्म होने के बाद एक आदेश फिर से जारी करते हुए इन आउटसोर्स कर्मचारी को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
यहां एक और बड़ा सवाल खड़ा होता है की जरूरत नहीं थी तो लगाई क्यों और जरूरत थी तो हटाए क्यों!