रिर्पोट : जगदंबा कोठारी
उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून न होने के चलते जम्मू कश्मीर के व्यक्ति यहां की कृषि भूमि के मालिक बन रहे हैं। ऐसे ही एक प्रकरण में भूमि क्रेता ग़ुलाम हैदर पुत्र हैदर अली का मामला सामने आया है।
यह व्यक्ति उत्तराखंड का मूल निवासी नहीं है और ना ही उसके नाम या उसके परिवार के नाम पर वर्ष 2003 से पूर्व उत्तराखंड में कोई भूमि दर्ज है। ग़ुलाम हैदर जम्मू कश्मीर पुलिस में रहा था संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त रहने की वजह से बर्खास्त भी रहा ।
सूत्रों से उक्त प्रकरण के बारे में पता चला कि शिकायतकर्ता ने 15 फरवरी 2023 को एसडीएम कालसी को एक शिकायती पत्र भेज कर बाहरी क्षेत्रों द्वारा नियम विरुद्ध कृषि भूमि खरीदे जाने की शिकायत की। जिसमें गुलाम हैदर, जो की मूल रूप से जम्मू कश्मीर के लेह लद्दाख का रहने वाला है और 2003 से पूर्व कोई भी जमीन ना ही उनके और ना ही उनके परिवार के नाम उत्तराखंड में दर्ज है। जिस पर जांच करते हुए राजस्व उप निरीक्षक द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट दी गई, जिसके अनुसार गुलाम हैदर जमींदारी विनाश अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन स्पष्ट रूप से करता है। गुलाम हैदर के द्वारा कुल 0.7688 हेक्टेयर कृषि भूमि नियमों के विरुद्ध क्रय की गई।
शिकायतकर्ता के अनुसार उसकी शिकायत को कई माह से भी अधिक का समय हो गया है जिलाधिकारी ने 24 जून 2023 को उपजिला अधिकारी कालसी को अख्या देने को कहा था लेकिन उप जिला अधिकारी कालसी द्वारा अभी तक इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। जिससे कि इनकी कार्य प्रणाली पर सवाल उठता है।
“मामला मेरे संज्ञान में आया है की जिसमें मौज व्यास नहरी जौनसार बाबर तहसील कालसी देहरादून में .7688 हेक्टेयर भूमि की क्रय की गई है। राजस्व निरीक्षक द्वारा इस संबंध में अपनी स्पष्ट आख्या तहसीलदार कालसी को प्रेषित की गई है। नियमानुसार तहसीलदार कालसी को न्यायालय को आख्या प्रेषित करते हुए अग्रिम कार्रवाई की संस्तुति की जानी चाहिए थी, जो कि तहसीलदार द्वारा प्रेषित नहीं की गई है। प्रथम दृष्टया तहसीलदार कालसी के स्तर पर गंभीर अनियमितताएं सिद्ध होती है। जिस पर उनसे उनका स्पष्टीकरण मांगा गया है।”
सोनिका, जिला अधिकारी, देहरादून