पुरोला।20 सितम्बर 2023
रिर्पोट: नीरज उत्तराखंडी
नगर पंचायत पुरोला में तू डाल डाल मैं पात पात का राजनैतिक खेल जारी है। पूर्व में जीरो टालरेंस सरकार ने सभा सदों की शिकायत के आधार पर नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन सिंह नेगी को नगर पंचायत में हुए कथित भ्रष्टाचार के आरोपों में घेरने का प्रयास किया ,वही नगर पंचायत अध्यक्ष सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती देकर फौरी राहत पाने में सफल होते दिखे। वही शासन ने एक बार पुनः दाव खेलते हुए नोटिस जारी कर अध्यक्ष के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर एक और झटका दिया ।
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि नगर पंचायत अध्यक्ष अब क्या दाव खेलते हैं ।
नगर पंचायत अध्यक्ष पुरोला के वित्तीय अधिकार सीज करते हुए शासन ने पूर्व में जारी नोटिस निरस्त करते हुए उन्हें फिर से नया नोटिस जारी किया है ।
विदित हो कि गत माह नेगी को पद से हटाते हुए शासन ने जिलाधिकारी को प्रशासक नियुक्त कर दिया था । जिसके खिलाफ नगर पंचायत अध्यक्ष को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया । स्टे मिलने के बाद नगर पंचायत अध्यक्ष ने पुरोला में जुलूस निकालकर एक जनसभा को संबोधित कर भाजपा नेताओं व सरकार को खूब खरी खोटी सुनाई ।
शासन से जारी नोटिस में उल्लेख किया गया है कि नगर पंचायत, पुरोला में बरती गयी अनियमितता के सम्बन्ध में पालिका के सभासदों से प्राप्त शिकायतों के क्रम में जिलाधिकारी, उत्तरकाशी के स्तर से करायी गयी प्रारम्भिक जाँच, तद्कम में निदेशक, शहरी विकास निदेशालय की विस्तृत जांच आख्या के आलोक में नगर पालिका अधिनियम, 1916 (उत्तराखण्ड में यथाप्रवृत्त तथा समय-समय पर यथासंशोधित) की धारा 48 (2) (क) एवं 48 (2) (ख) के तहत श्री हरिमोहन नेगी, अध्यक्ष, नगर पंचायत, पुरोला के विरूद्ध शासन के कार्यालय ज्ञाप सं0-55323 दिनांक- 19-09 द्वारा कारण बताओ नोटिस नोटिस निर्गत किया गया है।
जिलाधिकारी, उत्तरकाशी एवं निदेशक, शहरी विकास निदेशालय द्वारा करायी गयी जॉच में हरिमोहन नेगी, अध्यक्ष, नगर पंचायत, पुरोला के विरूद्ध संस्थित आरोपों की गंभीरता के दृष्टिगत गतिमान जाँच की कार्यवाही सम्पन्न होने तक सम्यक विचारोपरान्त अध्यक्ष, नगर पंचायत, पुरोला के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाये जाने की राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।
जिलाधिकारी, उत्तरकाशी को अग्रिम आदेशों तक अध्यक्ष, नगर पंचायत, पुरोला के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों के निवर्हन हेतु प्राधिकृत किया जाता है। इस निमित्त वह डिप्टी कलेक्टर से अनिम्न श्रेणी के किसी राजपत्रित अधिकारी को वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों के सम्पादन हेतु नियुक्त कर सकेंगे।