रिपोर्ट-जगदम्बा कोठारी
ऋषिकेश।
उत्तराखंड परिवहन निगम अपनी स्थापना से लेकर आज तक घाटे में चल रहा है। जिसका की एक बड़ा कारण परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार है। इसका एक उदाहरण ऋषिकेश डिपो में देखने को मिला, जहां रोडवेज की बस ने 10 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से 200 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी में महज 20 रुपए कमाए हैं।
कोटद्वार डिपो से संचालित एक बस ने सोनप्रयाग से ऋषिकेश तक के सफर में कुल 20 रुपए की आय कर सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। बीते गुरुवार को कोटद्वार डिपो की एक बस नम्बर UK 07 TA 4178 यात्रियों को लेकर ऋषिकेश से केदारनाथ के लिए रवाना हुई थी। इस रोडवेज बस की ऋषिकेश से सोनप्रयाग तक बुकिंग 14 हजार रुपए तय की गई थी। जिसका भुगतान सभी यात्रियों ने ऋषिकेश डिपो के काउंटर पर नगद कर दिया था लेकिन शनिवार को जब बस यात्रियों को छोड़कर ऋषिकेश वापसी पहुंची तो बस परिचालक ने सोनप्रयाग से ऋषिकेश तक वापसी में कुल आय के तौर पर डिपो में 20 रुपए जमा कराए।
किराए के तौर पर बस परिचालक द्वारा मात्र 20 रुपए जमा कराने से परिवहन निगम के अधिकारियों के कान खड़े हो गए और मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
परिवहन विभाग के अधिकारी भी हैरान है कि यात्रा सीजन में भी सोनप्रयाग से ऋषिकेश तक लगभग 200 किलोमीटर के सफर में बस ने केवल 20 रुपए की ही आय करी है। जबकि इस सफर में बस ने अनुमति 8 हजार रुपए तक का केवल डीजल ही पिया और कमाए मात्र 20 रुपए। जबकि निजी बस कंपनियां इतने ही तेल में 10 से 15000 रुपए तक की कमाई करती हैं।
अपने आप में हैरान करने वाले इस मामले में परिवहन निगम के सहायक महाप्रबंधक पीके भारती ने जांच के आदेश दिए हैं।
उनका कहना है कि बस अभी यात्रा रूट पर गई है। चालक और परिचालक की रविवार शाम तक वापसी हो जाएगी। जिसके बाद दोनों को स्पष्टीकरण देने के लिए उपस्थित होने को कहा गया है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि आखिर क्या बात हो गई थी की परिचालक ने 200 किलोमीटर के सफर में मात्र 20 रुपए जमा करवाए अगर मामला गबन का निकलेगा तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।