स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड में कुमाऊं विश्वविद्यालय के 17 वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल (रि.)लेफ्टिनेंट जर्नल गुरमीत सिंह और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने मैडल विजेताओं को उपाधियां प्रदान की।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड से पलायन करके सफल हुए लोगों ने वापस लौटकर यहां भी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करना चाहिए । उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति में राज्य के इतिहास और वेद पुराणों को पढ़ाया जाएगा ।
नैनीताल के देव सिंह बिष्ट कैंपस में कुमाऊं विश्वविद्यालय के स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्रों को उपाधियां सौंपी गई।
इस मौके पर राज्यपाल और शिक्षा मंत्री ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । राज्यपाल और कुलाधिपति ने सभी उपाधि धारकों को दीक्षापोदेश दिया ।
इसके बाद इन छात्रों को मैडल और उपाधियां प्रदान की गई । कुल 79 में से 57 शीर्ष छात्रों को मैडल और उपाधि देकर सम्मानित किया गया ।
कुलपति एन.के.जोशी ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि ये वर्ष 2020 और 2021 के सामान्य और व्यावसायिक पाठ्यक्रम के स्नातक और परास्नातक स्तर के कुल 58,640 विद्यार्थियों को उपाधि गई है । इसमें 410 विद्यार्थियों को पी.एच.डी., संकायों में उच्च अंक पकने वाले 115 को मैडल और 5 को नकद पुरुस्कार और एक शिक्षार्थी को डी.एस.सी. व दो को डी.लिट् की उपाधि दी गई है ।
इस मौके पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि इस वर्ष नई शिक्षा नीति लागू होगी । इसमें वेद, गढ़वाली/कुमाउँनी भाषा, उत्तराखंड का इतिहास, जसुली देवी का इतिहास भी सिलेबस में लाकर पढ़ाया जाएगा । उन्होंने कहा की शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में 92 प्रतिशत लड़कियां हैं ।
राज्यपाल ने छात्रों को इस उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी सफलता के लिए अपने परिजनों और शिक्षकों का आभार जताना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि शोध और शिक्षा किताबों तक सीमित न रह जाए । राज्यपाल ने महिलाओं की अत्यधिक उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि 115 में से 95 मैडल युवतियों को मिले हैं ।
राज्यपाल ने कहा की वो महिलाओं की बढ़ती संख्यक देखकर खुश हिअ और उन्होंने राज्य से पलायन कर गए लोगों को वापस लौटकर उत्तराखंड को संवारने का काम करने को कहा ।
संस्कृत जैसे विषम विषय से डी.लिट् की उपाधि लेकर लौटे सूरज सिंह ने बताया कि युवाओं को आगे आना चाहिए ।