उत्तराखंड का एक फौजी जवान हनी ट्रैप का शिकार हो गया। वह पाकिस्तानी महिला के हनीट्रैप के जाल में फंस गया। जाल में कुछ इस तरह फंसा कि उसने सेना के गोपनीय दस्तावेज तक उसे शेयर कर दिये ।
रुड़की के कृष्ण नगर का रहने वाला प्रदीप कुमार भारतीय सेना की एक रेजिमेंट में कार्यरत था। प्रदीप के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
भारतीय सेना का जवान प्रदीप कुमार सोशल मीडिया के जरिए राजस्थान खुफिया एजेंसियों को जानकारी दे रहा था। सीआईडी इंटेलिजेंस द्वारा सैन्य कर्मी की गतिविधियों पर लगातार निगरानी शुरू की गई।जिसके बाद आरोपी को बीते दिन गिरफ्तार किया गया है। प्रदीप कुमार के खिलाफ महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने मुकदमा दर्ज किया है।
राजस्थान इन्टैलीजेंस द्वारा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की राजस्थान में की जाने वाली जासूसी गतिविधियों की निगरानी की जाती है। इसी निगरानी के दौरान जानकारी में आया कि भारतीय सेना की अति संवेदनशील रेजिमेंट जोधपुर में कार्यरत प्रदीप कुमार सोशल मिडिया के माध्यम से पीआईओ (पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी) से निरन्तर सम्पर्क में है।
जिस पर सीआईडी इन्टेलीजेंस जयपुर की ओर से उक्त सैन्यकर्मी की गतिविधियों पर लगातार निगरानी आरम्भ की गई।
निगरानी के दौरान जानकारी में आया कि प्रदीप कुमार एक महिला एजेंट से सोशल मीडिया के माध्यम से निरन्तर सम्पर्क में है। सोशल मीडिया के जरिए ही वह सामरिक महत्व की सूचनाएं भी महिला के साथ साझा कर रहा है। इसकी पुष्टि होने के बाद प्रदीप कुमार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 18 मई को दोपहर के बाद हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई।
प्रदीप कुमार ने सारी बातें लगभग 6-7 माह पूर्व आरोपी के मोबाइल फोन पर इस महिला का कॉल आया। जिसके पश्चात दोनों वाट्सएप पर चैट और वॉइस कॉल एवं वीडियो कॉल के जरिए आपस में बाते करने लगे।
महिला ने अपने आप को ग्वालियर मध्यप्रदेश की रहने वाली बताया। साथ ही खुद को बंग्लौर में एमएनएस में पदस्थापित होना बताया। उक्त महिला एजेंट ने आरोपी से दिल्ली आकर मिलने और शादी करने का झांसा देकर आर्मी से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेजो के फोटोग्राफ्स मांगना शुरू किया। हनीट्रैप में फंसकर जवान ने अपने कार्यालय से सेना से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेज की फोटो चोरी-छिपे अपने मोबाईल से खींचकर वाटसएप के माध्यम से महिला एजेट को भेजने लगा। आरोपी के फोन की वास्तविक जांच किए जाने पर में सभी तथ्यों की पुष्टि हुई।
साथ ही प्रदीप कुमार ने बताया कि उक्त महिला मित्र के कहने पर उसने अपनी खुद की उपयोग में ली जा रही एक सिम के मोबाइल नम्बर और वाटसएप हेतु ओटीपी भी शेयर किए। ऐसा उस महिला ने इसलिए किया ताकि इस भारतीय नम्बर में पाक महिला एजेन्ट अन्य छद्म नाम से उपयोग कर अन्य लोगों तथा आर्मी के जवानों को अपना शिकार बना सके।